बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 10 लोगों के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने का आदेश दे दिया है.
न्यायाधीश पीसी घोष और न्यायाधीश रोहिंटन नरीमन की संयुक्त पीठ ने इस मामले में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को फिलहाल राहत दी है. हालांकि उनसे भी मॉरल ग्राउंड पर इस्तीफ़ा देकर केस में शामिल होने की उम्मीद जताई है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खास 5 बातें:
1) लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 10 लोगों पर चलेगा आपराधिक साजिश का मुकदमा. पहले 13 लोग थे जिनमें से 2 की मृत्यु हो चुकी है जबकि कल्याण सिंह को राज्यपाल होने के नाते इम्युनिटी दी गई है. सभी पर कारसेवकों के मामले के साथ ही मुकदमा चलाया जाएगा.
2) शीर्ष अदालत ने मामले को रायबरेली से लखनऊ की स्पेशल कोर्ट को हस्तांतरित कर दिया गया है. विशेष अदालत को दो साल में मामले की सुनवाई पूरी करनी होगी. मामले में विशेष अदालत रोजाना सुनवाई करेगी.
3) मामले का ट्रायल वहीं से शुरू किया जाएगा जहां से उसका ओरिजिन था. मामले की सुनवाई पूरी होने तक इससे जुड़े न्यायाधीश का ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा. किसी ठोस कारण के बिना केस की सुनवाई नहीं टाली जाएगी
4) लखनऊ की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की विशेष अदालत 4 सप्ताह में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 B (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप तय करेगी.
5) मामलें कल्याण सिंह को राज्यपाल होने की वजह से पद पर बने रहने तक छूट रहेगी. हालांकि अगर वो इस्तीफ़ा देकर इसमें शामिल होना चाहे तो अदालत इसका स्वागत करेगी.
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