Prakash Singh Badal’s birthday: पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल उन नेताओं में शामिल हैं जो 90 पार होने के बाद भी राजनीति में आज भी पूरी तरह सक्रिय हैं। बादल ने गत दिवस अपना 94वां जन्म दिन मनाया। इस उम्र में भी बादल में जोश और जुनून की कमी नहीं है। हर वक्त वह अपने साथियों के साथ ताजा हालातों पर चर्चा करते दिखाई देते हैं।
8 दिसंबर, 1927 को जन्मे प्रकाश सिंह बादल ने राजनीति की शुरुआत जमीन से की। वह उन प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जो आजादी के समय से राजनीति में सक्रिय हो गए थे। वह 1957 में पहली बार गिद्दड़बाहा से विधायक बने थे। इससे पहले उन्होंने गांव की सरपंची कर राजनीति में कदम रखा।
बादल 1970 में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। उसके बाद वह 1977 में, फिर 1997 में, फिर 2007 में 2012 में राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर सेवाएं देते रहे। वह एक बार 1977 में फरीदकोट के सांसद भी रहे। उन्होंने अधिकतर चुनाव लंबी हलके से ही लड़े। वैसे तो वह गिद्दड़बाहा, किला रायपुर से भी चुनाव लड़े हैं।
कुर्सी पर बैठे प्रकाश सिंह बादल व उनके भाई गुरदास बादल, तथा खड़े सुखबीर बादल, पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल व पोते-पोतियां।
बादल मुख्यमंत्री पद के अलावा सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेयरी मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्हें कृषि व सिंचाई मंत्री का पदभार भी सौंपा गया था। बादल ने आपातकाल के दौरान अकाली आंदोलन का नेतृत्व किया था। भारतीय राजनीति में उनके योगदान के लिए उन्हें पंथ रत्न अवार्ड दिया जा चुका है।
सुखबीर बादल ने अपनी फेसबुक वाल पर ये तस्वीरें सांझा की।
तीन बार केक काटकर मनाया 94वां जन्मदिन
सुबह 11 बजे के बाद उनके घर में लोगों का आना शुरू हुआ। पहले गांव बादल के दशमेश स्कूल के बच्चे उनके घर पहुंचे। बादल ने उनके साथ केक काटा और बच्चों की बधाई स्वीकार की। इसके बाद पार्टी नेता बिक्रम सिंह मजीठिया, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, दलजीत सिंह चीमा, परमजीत कौर, शरणजीत ढिल्लों, तोता सिंह, गुरतेज सिंह घुडिय़ाना, महेशइंदर सिंहग्रेवाल, चरणजीत बराड़, सिकंदर सिंह मलूका, दयाल सिंह कोलियांवाली, जगदीप नकई, बलङ्क्षवदर सिंह भूंदड़ भी बादल को बधाई देने पहुंचे। सभी ने बादल को फूलों के गुलदस्ते दिए। बादल दोपहर तक लोगों की बधाई स्वीकार करने में ही लगे रहे। बादल ने घर में ही नेताओं के साथ भी केक काटा। इसके बाद बादल ने परिवार के सदस्यों के साथ तीसरी बार केक काटा और सभी का धन्यवाद किया।
भाई गुरदास व बादल ने एक-दूसरे को खिलाया केक
परिवार के सदस्यों के साथ केक काटते समय उनके छोटे भाई गुरदास सिंहबादल, सांसद सुखबीर सिंहबादल व हरसिमरत कौर बादल व उनके बच्चे भी मौजूद रहे। गुरदास बादल और प्रकाश सिंहबादल ने एक-दूसरे को केक खिलाकर मुंह मीठा करवाया। दोनों में खुलकर बात नहीं हुई, लेकिन दोनों एक साथ बैठकर बहुत खुश नजर आ रहे थे।
कसरत करें, नशे से दूर रहें
पूर्व सीएम बादल ने अपनी सेहत का राज सबके साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि यदि आदमी लंबी आयु चाहता है तो वह बिना काम के न रहे। नशे से दूर रहे। कसरत करे। उन्होंने लोगों को अपना काम ईमानदारी से करने को भी कहा। बादल ने कहा कि गरीबों की सहायता करना, परमात्मा की बंदगी करना अपने जीवन में शामिल कर लें। तंदुरुस्ती तो परमात्मा ने ही देनी है, लेकिन कोशिश तो खुद ही करनी है।
पहले व आज की राजनीति में बहुत अंतर: बादल
बादल ने कहा कि आज व पहले की राजनीति में बड़ा अंतर है। पहले सेवा के लिए राजनीति होती थी, लेकिन आज निजी लाभ के लिए राजनीति की जाती है। पहले ओहदे की भूख नहीं होती थी, लेकिन आज तो काम ही ओहदा लेने के लिए किया जाता है। आज के नेताओं को चाहिए कि वह भेदभाव छोड़कर सेवा भावना से काम करें। निजी हितों को लाभ पहुंचाने के बजाय लोगों की भलाई के लिए काम करें।