बाढ़ के बाद अब बारिश की मार, मंडियों में देरी से पहुंचेगा धान

पंजाब: धान की फसल पर अब बाढ़ के बाद बारिश की मार पड़ी है। पिछले दो दिन से हो रही बारिश के कारण अब मंडियों में धान देरी से पहुंचेगा। अब तक सिर्फ 5 प्रतिशत फसल ही मंडियों में पहुंचा है।

रबी सीजन पर भी इसका असर पड़ेगा और गेहूं की बुआई में देर हो सकती है। बारिश से धान के झाड़ पर भी प्रभाव पड़ेगा। बाढ़ के चलते 5 लाख एकड़ फसल पहले ही खराब हो चुकी है।

दाने के सूखने का इंतजार बढ़ा

अब बाढ़ और बारिश के बाद इस लक्ष्य को झटका लगा है। विशेषज्ञों की मानें तो बारिश के बाद अब फसल की कटाई के लिए दाने के सूखने का इंतजार करना पड़ेगा। पहले ही बाढ़ से कटाई प्रभावित हो चुकी है और अब इसमें और समय लगेगा। आगे भी मौसम ठंडा रहने वाला है जिसके चलते नमी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। बाढ़ के कारण पहले ही धान में नमी की समस्या है।

उत्पादन पर पड़ेगा असर

तेज हवा व बारिश से कई जिलों में दाना झड़ने के कारण उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है। धान की फसल वायरस की चपेट में भी आई है, जिसकी रिपोर्ट हाल ही में कृषि विभाग ने सरकार को सौंप दी है। पटियाला में 7 हजार एकड़ और फतेहगढ़ साहिब में 2500 एकड़ फसल इस वायरस से प्रभावित हुई है। बाकी जिलों में वायरस की मार कम है। धान की फसल पर सदर्न राइस ब्लैक स्ट्रीक्ड ड्वार्फ वायरस (एसआरबीएसडीवी) का प्रकोप देखने को मिला है।

सरकार की रिपोर्ट, 3100 करोड़ की फसल का नुकसान

राज्य सरकार की अब तक की रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ से 3100 करोड़ रुपये की फसल का नुकसान हो चुका है जिसमें प्रमुख रूप से धान की फसल शामिल है। कपास की खेती में इस बार 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी लेकिन अब बाढ़ से वो फसल खराब हो गई है। यही कारण है कि सरकार ने 2 लाख क्विंटल गेहूं के बीज किसानों को मुफ्त देने का फैसला लिया है। 15 सितंबर से धान की खरीद शुरू हुई थी, जो 15 नवंबर तक चल सकती है। मौसम विभाग ने इस सप्ताह बारिश व तेज हवाओं के चलने की चेतावनी दी है।

बारिश के बाद अब धान की फसल की कटाई देरी से होगी जिसका असर आगे रबी सीजन की फसल के बुआई पर भी पड़ेगा। किसान अब फसल के सूखने का इंतजार करेंगे। बारिश के बाद अब फसल के झाड़ पर असर पड़ेगा जिससे उत्पादन पहले के मुकाबले कम हो सकता है।

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