एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की ताजा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट के मुताबिक, बांग्लादेश विकास के मामले में दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था में सबसे आगे खड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश लगातार उच्च वृद्धि दर दर्ज करता दिख रहा है, जबकि इसकी मुद्रास्फीति का स्तर स्थिर बना हुआ है।

2016 से बांग्लादेश में प्रति वर्ष सात प्रतिशत से ज्यादा की आर्थिक वृद्धि हो रही है और संभावना है कि यह इस साल के अंत तक या अगले साल तक यह आठ प्रतिशत को पार कर जाएगी। इसी अवधि में भारत ने विकास दर में गिरावट देखी है। हालांकि, आने वाले वर्षों में इसके उठने की उम्मीद लगाई जा रही है।
बांग्लादेश की जीडीपी करीब आठ फीसद की दर से बढ़ी
यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि बांग्लादेश आर्थिक क्षेत्र में दक्षिण एशिया का नया टाइगर बन रहा है। बांग्लादेश की जीडीपी करीब आठ फीसद की दर से बढ़ रही है। वर्तमान में दक्षिण एशिया का कोई भी देश इतनी तेज आगे नहीं बढ़ रहा है, जितना बांग्लादेश। पाकिस्तान से पांच गुना छोटे इस देश का विदेशी मुद्रा भंडार पाक से लगभग पांच गुना ज्यादा है।
श्रीलंका विकास के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला दक्षिण एशियाई देश रहा है। पूरे दक्षिण एशिया के लिहाज से देखें तो यहां विकास दर 2016 से औसतन गिर रही है। इसका मुख्य कारण श्रीलंका और पाकिस्तान का खराब प्रदर्शन भी है।
बांग्लादेश के विकास के कई कारण हैं। बढ़ते औद्योगिक सेक्टर ने इसकी अर्थव्यवस्था को तेजी प्रदान की है। इससे इस देश में नए रोजगार पैदा हुए। यह भारत की स्थिति से अलग है, यहां आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र में लगा हुआ है। (जोकि जीडीपी में सबसे कम योगदान देता है)। नौकरियां विकास का सबसे बड़ा इंजन होती हैं।
बांग्लादेश के मजबूत घरेलू उद्योग की मजबूती की वजह से 2018 में देश का निर्यात 6.7 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 10.1 प्रतिशत हो गया है। बांग्लादेश के कपड़ों का निर्यात 8.8 प्रतिशत से बढ़कर 11.5 प्रतिशत हो गया है। यहां के कपड़ों की मांग अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, जापान, चीन और कोरिया तक में है। कपड़ों का निर्यात बांग्लादेश के कुल निर्यात का 84.2 प्रतिशत है।
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