सात माह पहले बरेली कोरोनामुक्त हो चुका है। अब केरल में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 के मरीज मिलने से फिर दहशत हावी हो रही है। प्रदेश सरकार से एडवाइजरी जारी होने के बाद जिले में भी कोरोना संदिग्ध मरीजों की निगरानी शुरू हो गई है।
एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. मीसम अब्बास के मुताबिक सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी), इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) के मरीजों की आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल केजीएमयू लखनऊ भेजे जाएंगे। रिपोर्ट आने तक मरीज तीन सौ बेड अस्पताल में आइसोलेट होंगे। निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा। हालत बिगड़ने की स्थिति में उन्हें एल-3 अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है।
तीन सौ बेड अस्पताल के फ्लू कॉर्नर में कोरोना जांच के इंतजाम है पर वहां कोई मरीज नहीं पहुंच रहा। फिजिशियन डॉ. अकीक के मुताबिक कोरोना जांच कराने के लिए कहने के बाद भी लोग जांच नहीं कराते हैं। फ्लू कॉर्नर पर फिलहाल संवासिनियों, कैदियों और घर से भागे बच्चों की ही एहतियातन जांच हो रही है। वहीं, विदेश यात्रा से पहले भी कुछ लोग आरटीपीसीआर जांच कराते हैं।
मार्च 2020 में मिला था पहला मरीज
27 मार्च 2020 को जिले में कोरोना का पहला मरीज मिला था। तब से मई 2023 तक शहर ने कोरोना की तीन लहरों को झेला। 51 हजार लोग संक्रमित हुए थे और 378 लोग काल के गाल में समा गए थे। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक 22 लाख लोगों की एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच की जा चुकी है।
माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डॉ. राहुल गोयल के मुताबिक कोरोना के नए स्वरूप को लेकर दुनियाभर में शोध हो रहे हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि कोरोना का जेएन-1 स्वरूप ओमिक्रॉन से निकला है। इसके चपेट में आने पर तेज बुखार, नजला, गले में खराश, सिर और पेट में दर्द, दस्त के लक्षण उभरते हैं। हालांकि, यह कितनी तेजी से फैलता है और यह कितना घातक है, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
निमोनिया और कोविड के नए स्वरूप को लेकर बीते दिनों चिकित्सकों व अधिकारियों ने तीन सौ बेड अस्पताल में आईसीयू, पीकू, इमरजेंसी, कोविड वार्ड में लगे उपकरणों की क्रियाशीलता जांची थी। ऑक्सीजन प्लांट भी चलाकर देखा था। सभी उपकरण संचालित मिले थे।