ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि बरेली के विकास की जिम्मेदारी निभा रहा एक महकमा बिजली के खंभों, डिवाइडरों आदि पर त्रिशूल और अन्य चित्र लगाकर एक खास धर्म का प्रचार कर रहा है। इससे शहर की छवि धूमिल हो रही है।
मौलाना ने कहा कि त्रिशूल के साथ दूसरे धर्मों की पहचान के तौर पर कुछ चीजें लगाई जाएं तो हमें आपत्ति नहीं होगी। अगर सरकारी संपत्तियों पर सिर्फ एक धर्म की पहचान को उकेरा जाएगा तो हर व्यक्ति को आपत्ति होगी। इससे दूसरे धर्म के मानने वालों का भरोसा टूटेगा। सरकारी संपत्तियों पर सभी धर्मों के मानने वालों का अधिकार है।
मौलाना ने कहा कि नाथ कॉरिडोर के साथ ही आला हजरत कॉरिडोर भी बनाया जाए। उनकी वजह से पूरी दुनिया में शहर को बरेली शरीफ के नाम से जाना जाता है। हजरत शाह नियाज अहमद चिश्ती, हजरत शाहदाना वली, हजरत शाह शराफत मियां, हाफिज रहमत खां, खान बहादुर खां और मौलाना रजा अली खां बरेलवी आदि के नाम से पार्कों और सड़कों के नाम रखे जाएं।
‘सभी धर्मों का किया जाए सम्मान’
शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि हमारा देश लोकतांत्रिक है, ये किसी खास धर्म के मानने वालों का देश नहीं है। संविधान सभी धर्मों को सम्मान देने की बात करता है। अगर सिर्फ एक धर्म को बढ़ावा दिया जाएगा तो सभी लोगों के दिलों को आहत करने वाली बात होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास का नारा देते हैं, उसको अमली जामा पहनाया जाना चाहिए।