अदालत के समक्ष चार मामलों में टुंडा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए थे, जिसके मुताबिक उसके कब्जे से उस समय विस्फोटक भी बरामद हुआ था। दिल्ली पुलिस ने टुंडा को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार कर चार मामलों में आरोपी बनाया था। इसके बाद कोर्ट ने टुंडा को चौथे और आखिरी मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिया।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 73 साल के टुंडा को सबूतों के अभाव में आरोपों से बरी किया जा रहा है। प्रथम दृष्ट्या यह साबित नहीं होता कि टुंडा का धमाकों में कोई हाथ था। टुंडा पर यह भी आरोप है कि वह लश्कर का टॉप बम एक्सपर्ट है।
अजमेर की टाडा कोर्ट में मामला यथावत चलेगा
कुख्यात आरोपित अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने दिल्ली की बसों में हुए बम धमाकों के मामलों में भले ही बरी कर दिया है, लेकिन अजमेर की टाडा अदालत में मुकदमे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अजमेर की अदालत में उसके खिलाफ ट्रेनों में सीरियल बम धमाके करने के आरोप में विचारण शेष है। इसके चलते आरोपित टुंडा को आगामी पेशी पर एक अप्रेल 2016 को अजमेर की टाडा कोर्ट में आना पड़ेगा।
इसी मामले में नेपाल बोर्डर से करीब एक वर्ष पूर्व गिरफ्तार आरोपित इरफान भी दिल्ली के तिहाड़ जेल में हैं। उसे अजमेर की टाडा कोर्ट में लाने के लिए तीन बार प्रोडक्शन वारंट जारी किए जा चुके हैं, लेकिन उसे अजमेर नहीं लाया जा सका है।
इरफान भी नेपाल बोर्डर पार करते समय पकड़ा गया था। अन्य आरोपित हमीद्द्दीन अजमेर के केन्द्रीय कारागार में बंद है। वह पेशी पर उपस्थित होता रहा है।
टुंडा की भूमिका हुई थी उजागर
आरोपित टुंडा पर बाबरी मस्जिद ढहाने की पहली बरसी पर देश की विभिन्न राजधानी एक्सप्रंेस ट्रेनों में सीरियल बम धमाके करने में मुख्य सूत्रधार रहने का आरोप है। उम्रकैद की सजा काट रहे बम धमाकों के मास्टर माइंड डॉ. जलीस अंसारी के संस्वीकृति बयानों में टुंडा का नाम सामने आया था।
टुंडा बम बनाकर उन्हें फिट करने में विशेषज्ञ बताया गया है। बम विस्फोट के बाद यह पाकिस्तान भाग गया था। उसेे नेपाल बोर्डर से सीमा पार करते पकड़ा था।
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