गंगा-जमुनी तहजीब वाले शहर में जब मंदिर के घंटे और मस्जिदों से अजान की आवाजें गूंजती थी, तब अंग्रेजी हुकूमत में पहली बार क्राइस्ट चर्च में प्रभु यीशु की प्रार्थना गूंज उठी थी। आज भी बड़ा चौराहा स्थित इस चर्च में शहर भर के लोग प्रार्थना करने के लिए जुटते हैं।

आज भी चमक रहा चर्च का हर पत्थर
ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च का निर्माण 1840 में हुआ था। इस चर्च का हर पत्थर आज भी चमक रहा है। 1995 से फादर का कार्यभार संभाल रहे एसपी लाल बताते हैं कि हर रविवार को शहर भर के 400 लोग चर्च में प्रार्थना करने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि चर्च में आने के बाद कितना भी कोई परेशान हो, लेकिन चर्च में प्रभु यीशु के सामने बैठते ही सबका समाधान हो जाता है।
24 की रात को शुरू हो जाती तैयारियां
क्रिसमस त्योहार चर्च में बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसे लेकर तैयारियां 24 दिसंबर को ही शुरू हो जाती हैं। जो 25 दिसंबर की देर शाम तक चलता रहता है।
तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
चर्च परिसर में दीवारों की रंगाई पुताई, घास को काटा जा रहा है। इसके साथ ही चर्च परिसर की चारों तरफ की दीवारों में विद्युत झालरों से सजाकर अंतिम रूप दिया जा रहा है।
इनका ये है कहना
प्रभु यीशु के जन्मदिवस पर 25 हजार से ज्यादा लोग चर्च में प्रार्थना में शामिल होते हैं। इस दौरान लोगों को मीठा खिलाया जाता है।-एसपी लाल, फादर, क्राइस्ट चर्च
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