बजट 2018: जेटली के चौथे आम बजट में इन सेक्टर्स को हैं बड़ी उम्मीदें

बजट 2018: जेटली के चौथे आम बजट में इन सेक्टर्स को हैं बड़ी उम्मीदें

आम बजट 2018, 1 फरवरी को पेश किया जाना है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने चौथे और आखिरी पूर्णकालिक बजट में देश के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। साल 2019 के आम चुनावों को देखते हुए यह बजट मोदी सरकार का सबसे अहम बजट माना जा रहा है। बीते साल ही संकेत मिल गए थे कि इस साल के आम बजट में सरकार का ध्यान बुनियादी सुविधाओं के विकास पर हो सकता है।बजट 2018: जेटली के चौथे आम बजट में इन सेक्टर्स को हैं बड़ी उम्मीदें

टेलिकॉम सेक्टर को उम्मीद: 

दूरसंचार विभाग की घोषणाओं के संदर्भ में अगर बात करें तो बजट 2018 में भारत नेट प्रोजक्ट के संबंध में बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। भारतनेट परियोजना का उद्देश्य पूरे भारत के विभिन्न गांवों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करवाना है। वास्तव में, इसके पहले चरण में, 1 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को 31 दिसंबर तक हाई स्पीड (उच्च गति) ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा गया था। इस परियोजना का लक्ष्य मार्च 2019 तक 250,000 से अधिक ग्राम पंचायतों को जोड़ना है। इसलिए, बजट 2018 में इस परियोजना के बारे में कुछ घोषणाएं हो सकती हैं।

देश के एविएशन सेक्टर को बजट से उम्मीदें: 

देश का विमानन मंत्रालय चाहता है कि ग्रामीण क्षेत्रों को भी विमानन सेवाओं के साथ जोड़ा जाए, इस लिहाज से साल 2018 का बजट काफी अहम हो सकता है। मंत्रालय आरसीएस या क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम के तहत पूरे भारत के उन हिस्सों तक अपनी सेवाएं पहुंचाना चाहता है जहां तक अभी ये नहीं पहुंची हैं। इस योजना के पहले हिस्से के रुप में करीब 128 रुट एयरलाइन के लिए मंजूर किए गए हैं, हालांकि इन हवाई से उड़ान सेवाओं की संख्या इन रूट्स की संख्या की आधी ही रही है। बुनियादी सुविधाओं का अभाव इसका प्रमुख कारण है। इसके दूसरे चरण में, केंद्र सरकार की योजना यह है कि नार्थ ईस्ट (पूर्वोत्तर) और जम्मू-कश्मीर के सुदूर एवं समरिक स्थानों को विमानन सेवा से जोड़ा जाए।

सड़क निर्माण क्षेत्र से जुड़ी घोषणाएं: 

मोदी सरकार देश के 28 प्रमुख शहरों में रिंग रोड बनवाना चाहती है। इस योजना की मांग भारतमाल पहल के तहत की गई थी, जो कि “कनेक्टिंग इंडिया” योजना के निर्माण के लिए काफी अहम है। इस परियोजना की कुल लागत 36,290 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसलिए ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आगामी आम बजट 2018 में इस परियोजना के संबंध में कुछ बड़ी घोषणाएं की जा सकती है। रिंग रोड को दिल्ली, लखनऊ, बेंगलुरू, रांची, पटना, श्रीनगर और उदयपुर में बनाए जाने की योजना बनाई गई है।

गौरतलब है कि भारतमाला पहल की घोषणा बीते साल केंद्र सरकार ने की थी, जिसके तहत सरकार की योजना 84,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की है। इस परियोजना में साल 2022 तक 6.92 करोड़ की लागत आने का अनुमान है।

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