बच्चों की स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करते है वास्तु के ये टिप्स

गर्मियों की छुट्टियां खत्म होते ही बच्चे फिर से पढ़ाई में जुट जाते हैं। अगर बच्चा सीखने के रुझान से दूर भागता है तो घर में मौजूद वास्तु दोष इसका मुख्य कारण हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मौजूदा नकारात्मक ऊर्जा ही बच्चों की स्मरण शक्ति को कमजोर बना देती है।

 

बच्चों के आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा भी बच्चों को एकाग्रता से दूर ले जा सकती है। वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे आसान से उपाय बताए गए हैं, जिनसे अपनाकर आप अपने बच्चे की स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ाने में मदद कर सकते है। तो आइए जानते हैं इनके बारे में।

जो विद्यार्थी ठीक से याद नहीं कर पाते हों उन्हें अपने पास कपूर और फिटकरी रखनी चाहिए। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर देते हैं। चंदन का तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध रहती है साथ ही स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।

बच्चों को तुलसी के 11 पत्तों का रस मिश्री के साथ नियमित रूप से दें। छात्रों को अध्ययन करते समय जूते मोज़े नहीं पहनना चाहिए। विद्यार्थियों को बुधवार के दिन भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए बेसन के लड्डू का प्रसाद अर्पित करना चाहिए।

बच्चों के कमरे में नीम की एक डाली लगा दें। ऐसा करने से कमरे का वातावरण शुद्ध होता है और एकाग्रता में वृद्धि होती है।

बच्चों के अध्ययन कक्ष में मां सरस्वती का चित्र लगाएं और मां के समक्ष कपूर का दीपक जलाएं। अध्ययन कक्ष में हरे रंग के परदे लगाने चाहिए। पढ़ते समय विद्यार्थी अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा में रखें। गायत्री मंत्र का जाप करने से भी मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।

बच्चे जहां भी पढ़ाई करें वहां प्राकृतिक रोशनी हो। पाठ्य पुस्तकों में गुरुवार के दिन मोरपंख रखें। बच्चों के कमरे में दौड़ते हुए घोड़े या उगते हुए सूरज की तस्वीर लगाएं। पढ़ाई की मेज पर खाद्य सामग्री न रखें।

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