बंद ऑक्सीजन संयंत्रों में मध्य प्रदेश सरकार अब फूंक रही जान

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में गंभीर मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। ऐसे समय अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए प्रदेश सरकार ऑक्सीजन के बंद पड़े संयंत्र भी चालू करवा रही है। इसके लिए उद्यमियों को न केवल सहयोग दिया जा रहा है, अपितु आपात स्थिति में फटाफट नए लाइसेंस भी दिए जा रहे हैं।

इंदौर में प्रशासन ने इनर्ट गैसेस को दो दिन में मेडिकल ऑक्सीजन का लाइसेंस दिला दिया, जिससे यहां ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़े। ऐसे ही प्रयास अब अन्य जिलों में भी होने लगे हैं। भोपाल के पास मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में भी इनर्ट क्रायोजेनिक्स एंड अलाइड गैसेस को एक ही दिन में मेडिकल ऑक्सीजन का लाइसेंस दिया गया। उधर झाबुआ जिले के मेघनगर में महावीर इंडस्ट्रीज का बंद पड़ा ऑक्सीजन संयंत्र शुरू कराया जा रहा है। इसी तरह नागदा, सिंगरौली और भिंड के मालनपुर में मेडिकल ऑक्सीजन के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया जारी है।

लगातार आपूर्ति बनाए रखने के प्रयास

खाद्य और औषधि प्रशासन के स्टेट लाइसेंसिंग अधिकारी रजनीश चौधरी ने बताया कि हमारी कोशिश है कि जिन उद्यमियों के औद्योगिक ऑक्सीजन के संयंत्र हैं, वे भी मेडिकल ऑक्सीजन बनाएं जिससे प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की लगातार पूर्ति की जा सके। सरकार के निर्देश पर लाइसेंस की प्रक्रिया भी जल्दी पूरी की जा रही है। हमारी ओर से कोई देरी नहीं की जा रही है। आवेदन और दस्तावेज पूरे हैं तो एक-दो दिन में लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं।विभाग के अधिकारी इस काम को प्राथमिकता के आधार पर कर रहे हैं।

इंदौर के औषधि निरीक्षक राजेश जीनवाल ने बताया कि यहां ऑक्सीजन के जितने आपूर्तिकर्ता थे, वे सब उद्योगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर मेडिकल ऑक्सीजन तैयार कर अस्पतालों को भेज रहे हैं। जिला प्रशासन के आदेश को देखते हुए सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र के छोटे संयंत्र संचालकों से भी संपर्क किया गया है। इसकी लगातार निगरानी की जा रही है।

 

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