हम गांव-गांव में किसानों के साथ भोज करके तय करेंगे कि उनके साथ जो अन्याय हुआ है, उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे और अगली सरकार का रास्ता साफ करेंगे। ममता की सरकार और यूपीए की सरकार में किसानों के लिए बजट 24 हजार करोड़ हुआ करता था, हमने इसे एक लाख करोड़ कर दिया। एमएसपी के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की और इसे लागत का डेढ़ गुना कर दिया।
ममता हर बात में बोलती हैं- होबे न। अब भाजपा की सरकार आबे। योजना बदल देने से लोगों के मन में प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान कम नहीं होता। मोदी जी बंगाल के विकास के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ग्रामीम सड़क योजना को बंगाल सड़क योजना नाम दे दिया गया। ममता जी कहती थीं कि हम मां, माटी, मानुष के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन वे तो तोलाबाजी, तानाशाही और तुष्टिकरण के लिए काम कर रही हैं। उनके शासन में तो अंतिम संस्कार के लिए पैसे देने पड़ रहे हैं।
मुझे आज यहां आकर अत्यंत हर्ष हो रहा है, जहां स्वामी विवेकानंद का लालन-पालन हुआ। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने यहां देश को नई दृष्टि दी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश-एक विधान के लिए अपनी जान दे दी। उस मंदिर में भी गया, जहां चैतन्य महाप्रभु ने दीक्षा ली थी।
आज जब मैं आ रहा था तो देखा कि किस तरह से बड़ी संख्या में आप लोग आए। ये दिखाता है कि ममता का जाना निश्चित है और भाजपा का आना तय है। तालियों की गड़गड़ाहट बताती है कि बंगाल की जनता ने भाजपा के स्वागत का मन बना लिया है। आज से लेकर 24 तारीख तक कार्यकर्ता 40 हजार ग्राम पंचायतों में जाकर सौगंध खाएंगे कि किसानों की लड़ाई भाजपा का कार्यकर्ता लड़ेगा।