देश में ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) संबंधी कड़े नियम लागू होने के बाद ई-कॉमर्स कंपनियां काफी परेशान नजर आ रही हैं। पिछले दिनों अमेजन को लेकर आई खबर के बाद अब फ्लिपकार्ट को लेकर ऐसी खबर आ रही है जो आपको चौका देगी।
जानकारी के अनुसार अमेरिकी रिटेल दिग्गज वालमार्ट अपनी भारतीय सब्सिडियरी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट से बाहर निकल सकती है। अमेरिकी निवेश बैंकर मॉर्गन स्टेनले ने यह चेतावनी दी है।
मार्गन स्टेनले ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि फ्लिपकार्ट के बाहर जाने की संभावना से पूरी तरह इन्कार नहीं किया जा सकता है क्योंकि भारत में उसके लिए कारोबार करना पेचीदा हो गया है। अगर ऐसा होता है तो वालमार्ट-फ्लिपकार्ट का मामला वैसा ही होगा जैसा 2017 में अमेजन के साथ हुआ था। चीन में उसके लिए कारोबारी मॉडल उपयुक्त न रहने पर अमेजन ने बाहर निकलने का फैसला किया था। वैसा ही कुछ वालमार्ट के मामले में हो सकता है।
एक फरवरी से लागू हुए नए नियमों के अनुसार विदेशी निवेश पाने वाली कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी किसी भी निर्माता के साथ एक्सक्लूसिव बिक्री के लिए समझौता नहीं कर सकती है। इसके अलावा उसके प्लेटफार्म से जुड़े विक्रेता की हिस्सेदारी भी ई-कॉमर्स कंपनी नहीं ले सकती है। ये कंपनियां वस्तुओं और सेवाओं का बिक्री मूल्य भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं कर सकती हैं। उन्हें लेवल प्लेइंग फील्ड सुनिश्चित करना होगा।
ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए नए एफडीआई नियमों के 1 फरवरी से लागू होने के बाद भारत में दोनों कंपनियों के ई-कॉमर्स कारोबार में दिक्कतें आ रही है।
कारोबार में वृद्धि के आशावान वालमार्ट इंडिया ने कहा है कि बी2बी ई-कॉमर्स कारोबार पर दबाव आने के बाद ओमनीचैनल रिटेल पर फोकस करेगी ताकि वह प्रतिस्पर्धा में आगे रह सके। गौरतलब है कि वालमार्ट इंडिया भारत में अलग कारोबार करती है जबकि उसकी पेरेंट कंपनी वालमार्ट इंक के पास फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी है और उसका संचालन करती है। ओमनीचैनल के जरिये ग्र्राहकों को ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन शॉपिंग की भी सुविधा दी जाती है।