भारतीय टीम को लंबे अरसे से चेतेश्वर पुजारा के फॉर्म में लौटने का इंतजार था। तीसरे टेस्ट मैच में पुजारा ने अपना दम तो दिखाया लेकिन वो उस तरह की पारी नहीं खेल पाए थे जिसके लिए जाने जाते हैं। चौथे टेस्ट मैच की पहली पारी में लगातार गिरते विकेट के बीच पुजारा ने बेहतरीन पारी खेली और दिखा कि वो अभी चूके नहीं हैं और भारत की दीवार कहलाने के हकदार हैं।
टेस्ट करियर का 15वां शतक जड़ा पुजारा ने
इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में ये पुजारा का पहला शतक था वहीं ये उनके टेस्ट करियर का 15वां शतक था। उन्होंने अपने इस शतक को पूरा करने के लिए 210 गेंदों का सामना किया और इस दौरान कुल 11 चौके लगाए। पुजारा ने पहली पारी में कप्तान विराट को साथ 92 रन की साझेदारी करते हुए अहम शतक लगाया और टीम की डूबती नैया को पार लगाया। पहली पारी में विराट के आउट होने के बाद जिस तरह से भारतीय बल्लेबाजों का विकेट गिरने लगा उससे ये लगने लगा था कि भारत शायद ही इंग्लैंड द्वारा पहली पारी में बनाए गए 246 रन के स्कोर तक पहुंच पाए। पुजारा पहली पारी में 132 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने पहली पारी में कुल 257 गेंदों का सामना किया और 16 चौके लगाए।
पुजारा का ये दूसरा इंग्लैंड दौरा है। पहले वो वर्ष 2014 में इंग्लैंड दौरे पर आए थे और उस वक्त पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में शतक नहीं लगा पाए थे। इस बार विराट की कप्तानी में वो पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के चौथे मुकाबले में इंग्लैंड की धरती पर पहला टेस्ट शतक लगाने में कामयाब रहे। वहीं इंग्लैंड के खिलाफ पुजारा ने इस टेस्ट शतक से पहले चार शतक लगाए हैं लेकिन वो भारतीय सरजमीं पर। यानी इंग्लैंड के खिलाफ पुजारा का ये पांचवां टेस्ट शतक था। पुजारा ने इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट शतक वर्ष 2012 में लगाया था। उन्होंने अहमदाबाद में हुए टेस्ट मैच में इंग्लिश टीम के खिलाफ नाबाद 206 रन की पारी खेली थी। इंग्लैंड के खिलाफ ये उनका टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ स्कोर है साथ ही ये उनके टेस्ट करियर का भी बेस्ट स्कोर है। 61 टेस्ट मैचों में ये पुजारा का 15वां टेस्ट शतक रहा। अब तक अपने 15 टेस्ट शतक में से पुजारा ने पांच इंग्लैंड की टीम के खिलाफ ही लगाए हैं।