वर्ष 1991 में मध्यावधि चुनाव की घोषणा हुई थी। इसी दौरान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हो गई थी, जिसके बाद चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं को फूल मालाएं पहनाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी थी। इसी दौरान भाजपा के सबसे बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेयी प्रत्याशी के रूप में विदिशा से चुनाव मैदान में थे। जब कार्यकर्ता फूल मालाएं नहीं पहना पा रहे थे, तो वे नोटों की मालाओं से अटल जी का जगह-जगह स्वागत करते थे। इस राशि से ही भाजपा ने अपना चुनाव खर्च भी निकाला था।
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भले ही अटल जी ने विदिशा क्षेत्र से इस्तीफा देकर सीट छोड़ दी हो लेकिन आज भी विदिशा को उनके पूर्व संसदीय क्षेत्र की हैसियत से ही पहचाना जाता है। गुरुवार को जब उनके निधन की खबर फैली तो भाजपा से लेकर कांग्रेस तक के नेता शोक व्यक्त करते नजर आए।