फिर न्यूक्लियर बम फेंक रहा तानाशाह किम जोंग, चीन कर रहा मदद

बता दें कि 9 सितंबर को नॉर्थ कोरिया ने 5th न्यूक्लियर टेस्ट किया था। इस बीच ये खबरें भी हैं कि नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन चीन की मदद के बावजूद उससे बिजनेस रिलेशन नहीं रखना चाहता।
उसकी ख्वाहिश अकेले ताकतवर बनने की है। हाल ही में नॉर्थ के न्यूक्लियर टेस्ट करने से चीन नाराज भी बताया जा रहा है। हालांकि परमाणु कार्यक्रम में चीन उत्तर कोरिया की मदद करता रहेगा।
फिर न्यूक्लियर बम फेंक रहा तानाशाह किम जोंग, चीन कर रहा मदद

तानाशाह किम जोंग फिर कर रहा है न्यूक्लियर टेस्ट

योनहाप के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया ने अगले न्यूक्लियर टेस्ट की तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके लिए वह एक टनल का इस्तेमाल कर सकता है। फिलहाल ये टनल बंद पड़ी है। चीन ने नॉर्थ कोरिया में डेवलपमेंट के लिए यालू नदी पर ब्रिज बनाया है। ऐसा माना जा रहा था कि इससे चीन, नॉर्थ कोरिया में न केवल इन्वेस्टमेंट करेगा बल्कि दोनों के बीच फ्री ट्रेड भी शुरू होगा। लेकिन ऐसा कुछ दिखाई नहीं देता। 
चीन ने यालू नदी पर 33 करोड़ डॉलर (करीब 22 करोड़ रुपए) की मदद से ब्रिज बनाया है। इसका काम पिछले साल ही पूरा हुआ है। लेकिन ब्रिज शुरू करने को लेकर उन की कोई इच्छा नहीं दिखती। बता दें कि नॉर्थ कोरिया के 5th टेस्ट से चीन खासा नाराज है। इसके चलते भी ब्रिज जल्दी शुरू होने की उम्मीद नहीं दिखती।
2012 में नॉर्थ कोरिया ने चीनी सीमा से सटे अपने डेंडॉन्ग शहर को डेवलप करना शुरू किया था। यहां एक फ्री ट्रेड जोन बनाया जाना था लेकिन यहां कॉम्प्लेक्स-मॉल्स के काम या तो काम अधूरे पड़े हैं या फिर बंद हैं।
नॉर्थ कोरिया पर यूएन ने सख्त सेंक्शंस लगा रखे हैं। रविवार को अमेरिका ने भी एकतरफा बैन लगाने की बात कही थी। ऐसे में नॉर्थ को चीन का ही सहारा रह जाता है।एक  चीन के अफसर के मुताबिक, ‘नॉर्थ कोरिया अपनी तरफ से ब्रिज को खोलना ही नहीं चाहता। इन हालात में हमारे पास करने के लिए कुछ नहीं रह जाता। कोई नहीं जानता कि वह कब खुलेगा। ये वहां की इकोनॉमी के लिए बेहतर नहीं है।’ ‘डेंडॉन्ग शहर को भी डेवलप किया जाना था। यहां बने घर नहीं बिक रहे क्योंकि वहां लोग नहीं आना चाहते। वहां एक भी हॉस्पिटल नहीं है। और जो है वो भी आधा बना हुआ है।’ बता दें कि चीन-नॉर्थ कोरिया के बिजनेस में भी काफी गिरावट है। चीन-साउथ कोरिया के बीच जनवरी से जुलाई के बीच 908 बिलियन युआन का बिजनेस हुआ वहीं नॉर्थ से महज 17.7 बिलियन युआन का। 
2010 में उन के पिता किम जोंग इल II ने चीन दौरे में एक एग्रीमेंट किया था। इसके बाद चीन से सीमा से सटे इलाकों में इकोनॉमिक जोन बनाए और डेवलपमेंट किया।
लेकिन उन ने अभी तक चीन का कोई दौरा नहीं किया है। हाल में उसे बुलावे की संभावना भी नहीं है। वह सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम जारी रखना चाहता है।
 रविवार को नॉर्थ कोरिया के फॉरेन डिपार्टमेंट के स्पोक्सपर्सन ने कहा, ‘अमेरिका को हमें न्यूक्लियर ताकत वाला देश मानना चाहिए। वे मूर्ख हैं जो सूरज को हथेली से ढंकने की कोशिश कर रहे हैं।’
 

 

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