दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को लेकर सियासत चरम पर है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश और एएसआइ के प्रतिबन्ध के बाद भी जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ताजमहल में नमाज पढऩे का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था, कि अब हिंदूवादी संगठनों ने ताजमहल में जाकर आरती कर दी है, जिससे बवाल मच गया है. शनिवार को हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय बजरंग दल की महिला शाखा की अध्यक्ष मीना दिवाकर अपनी दो अन्य सदस्याओं के साथ ताजमहल गई और धूप-दीप दिखाकर आरती करने लगी. सिर्फ यही नहीं मीना का कहना है कि वे अपने घर से गंगाजल भी लेकर आई थी.
उन्होंने बताया कि पहले उन्होंने गंगाजल से ताजमहल के एक हिस्से को धोया और फिर उस जगह आरती की. मीना दिवाकर का कहना है कि जब मुस्लिम समुदाय के लोग रोक के बाद भी हिन्दुओं के ‘तेजोमहालय’ में नमाज पढ़ रहे हैं, जबकि अदालत द्वारा उन्हें सिर्फ शुक्रवार को ही दो घंटे नमाज पढऩे के आदेश हैं. मीना ने कहा कि उनके इस कदम से ताजमहल गंदा हो रहा है. इसलिए हमने गंगाजल से उसे पवित्र किया और उसके बाद आरती की. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सनसनी बना हुआ है.
उल्लेखनीय है कि ताज महल के पश्चिमी गेट से होकर बसई घाट तक जाने वाले रास्ते पर भी विवाद हो रहा है, पश्चिमी गेट पर टर्नस्टाइल गेट बनने के कारण स्थानीय लोगों के जाने के मार्ग पर बैरियर खड़े कर दिए गए हैं. इसके चलते स्थानीय लोग बसई घाट स्थित प्राचीन सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना के लिए नहीं जा पा रहे हैं. आपको बता दें कि कुछ लोगों का कहना है कि ताज महल असल में एक शिव मंदिर है, जिसका नाम तेजोमहालय है, जो शाहजहाँ से पहले भी वहां मौजूद था, इसके पीछे वे प्रोफेसर ओक की किताब का हवाला देते हैं.