करीब पांच साल पहले जिले के जुनवानी गांव में आंगनबाड़ी के पास एक महिला की लाश बरामद हुई थी। इस लाश के साथ महिला का पर्स, मोबाईल और एक सुसाइड नोट भी मिला था। यह लाश क्षेत्र की भाजपा नेता मालती बंजारे की थी। मामले पर पुलिस ने मर्ग कायम किया और जांच शुरू की। इस घटना की जांच के दौरान यह बात सामने आई कि महिला के पास से मिला सुसाइड नोट फर्जी है। यह किसी और ने लिखा था और हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश कर रहा था।
पंचनामे की रिपोर्ट में भी मौत की पुष्टि हो जाने के बाद पुलिस ने आरोपित की तलाश शुरू की। करीब पांच साल तक आरोपित पुलिस को चकमा देता रहा, लेकिन आखिरकार वह पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। इस घटना के खुलासे के साथ कई चौंकाने वाली बातें भी सामने आई हैं। यह पूरी घटना अवैध संबंधों को छिपाने की परिणीति के तौर पर घटित हुई।
मृतिका के पास मिले फर्जी सुसाइड नोट में राइटिंग मालती की नहीं थी। ऐसे में सुसाइड नोट पर पनपे शक के आधार पर जांच को आगे बढ़ाना शुरू किया गया। पुलिस ने एक पूरे गांव को ही संदेह के दायरे में लाया और हर शख्स की हेंडराइडिंग ली।
हेंडराइटिंग का मिलान करने पर गांव के युवक अजीत कुर्रे से मैच कर गया। अजीत मालती का रिश्तेदार तो था, लेकिन मौत के पहले उसका उसके साथ विवाद भी अवैध रिश्ते को लेकर चल रहा था। सुसाइड नोट में मिले हैंडराइटिंग के बाद अजीत से पुछताछ हुई, तो पूरे राज से पर्दा हट गया। आरोपी ने पूरी कहानी बयां करते हुए अपना गुनाह कबूल कर लिया।
पुलिस अधीक्षक नीतू कमल ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक मालती बंजारे के भांजी दमाद अजीत कुर्रे के जीजा का अवैध संबंध मालती बंजारे से था। जिन्होंने जमीन बेचकर पैसा मालती बंजारे को दिया था, लेकिन मालती बंजारे के बार-बार पैसा मांगने से क्षुब्ध होकर अजीत कुर्रे ने अपने ही जीजा के साथ मिलकर हत्या का षड्यंत्र रचा।
अजीत कुर्रे भी मालती से परेशान था, क्योंकि वो गांव की ही उसकी प्रेमिका से उसे मिलने नहीं देती थी। कई बार इसे लेकर उसका विवाद भी हुआ था। वहीं अजीत के एक और जीजा को भी मालती ने चप्पल दिखाकर सरेआम पीटने की बात कही थी। इन सब बातों से अजीत ने मालती को ठिकाने लगाने की योजना बनाई और 6 नवंबर 2015 को पैसे देने के बहाने आंगनबाड़ी केंद्र के पास बुलाकर उसे मौत के घाट उतार दिया।