दिल्ली। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और पासपोर्ट ऑफिस के तीन अधिकारियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट मामले में दोषी ठहराया है हालांकि न्यायालय ने निर्णय मंगलवार तक के लिए टाल दिया है। गौरतलब है कि इंडोनेशिया में पकड़े गए और फिर भारत लाए गए अंडरवल्र्ड डाॅन छोटा राजन पर 70 से अधिक प्रकरण चल रहे हैं।
मगर ऐसा पहला प्रकरण है जिसमें न्यायालय अपना फैसला देगा। गौरतलब है कि सीबीआई ने इस मामले में पहली चार्जशीट फरवरी 2016 में न्यायालय में दाखिल की थी। इस चार्जशीट में छोटा राजन के साथ बेंगलुरू के तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों के नाम शामिल किए गए हैं। सीबीआई के मुताबिक, चारों आरोपियों को धोखाधड़ी, षडयंत्र रचने और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत चार्जशीट में नामित किया गया था। सितंबर 2003 मे मोहन कुमार के नाम पर बने फर्जी पासपोर्ट और टूरिस्ट वीजा पर छोटा राजन भारत से ऑस्ट्रेलिया भाग गया था।
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इसके बाद वह करीब 12 साल तक वहीं रहा था.पटियाला हाउस कोर्ट ने आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 120बी, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत फर्जी पासपोर्ट के इस मामले में आरोप तय किए हैं। सुरक्षा कारणों के चलते वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छोटा राजन से संबंधित कार्रवाईयां की जाती हैं। उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2015 मे जब छोटा राजन ऑस्ट्रेलिया से इंडोनेशिया पहुंचा,तो इंटरपोल के रेड कार्नर नोटिस जारी करने के बाद उसे बाली में गिरफ्तार करके नवंबर 2015 में भारत को सौंप दिया गया था।