फर्जी कागजात से प्याज को टमाटर बताकर ले जा रहा था नेपाल, डीआरआइ ने दबोचा एक तस्कर

अभी तक सोने की तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं लेकिन जब प्याज की तस्करी का मामला सामने आया तो सभी हैरान रह गए। सौ रुपये से भी ज्याद कीमत पहुंचने पर तस्करों ने चोरी-छिपे प्याज की तस्करी भी शुरू कर दी है। महराजगंज जिले के नौतनवां के रहने वाले एक प्याज तस्कर को डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ) ने पकड़ा है।

अबतक 360 टन प्याज की कर चुका तस्करी

महराजगंज जिले के नौतनवां निवासी तस्कर सन्नी कुमार मद्धेशिया अब तक दो करोड़ रुपये की 360 टन प्याज की तस्करी कर चुका है। वह फर्जी कागजातों के आधार पर प्याज को टमाटर बताकर नेपाल सीमा से पार करा रहा था। बाढ़ व बारिश से प्याज की फसल बर्बाद होने के बाद से उसकी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी अगले दिन कानपुर से नेपाल जा रहे पांच ट्रकों को सीमा पर पकड़ा गया था। शुक्रवार सुबह डीआरआइ के अधिकारियों ने प्याज की तस्करी में लिप्त सन्नी कुमार मद्धेशिया को गिरफ्तार कर लिया।

कानपुर से नौतनवां आपूर्ति होता था प्याज

कानपुर के प्याज कारोबारियों के मुताबिक यहां से रोजाना प्याज नौतनवां सप्लाई की जाती है। सामान्य दिनों में कानपुर से रोजाना एक दर्जन ट्रक प्याज नौतनवां जाती थी। इस समय इनकी संख्या रोज तीन-चार ट्रक के आसपास है। नौतनवां में प्याज के तीन-चार कारोबारी हैं। कानपुर से नौतनवां, कुल्ही, अड्डा में प्याज जाती है। ये तीनों स्थान आसपास हैं। कानपुर से कुल्ही और अड्डा के लिए ट्रक वाले जाने को तैयार नहीं होते, इसलिए सभी ट्रक नौतनवां के लिए बुक किए जाते हैं। नेपाल में प्याज की तस्करी इसलिए भी की जा रही है क्योंकि वहां भी प्याज की बहुत खपत होती है और निर्यात रुकने के बाद कीमतें बहुत बढ़ी हुई हैं। वहां भारत से डेढ़ गुनी कीमत मिली है, इसलिए तस्करी बढ़ी है।

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