मानव तस्करी सहित अन्य मामलों के फरार आरोपी जीतू सोनी के बाद प्रशासन ने अब उसके रिश्तेदारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शनिवार सुबह इंदौर नगर निगम और प्रशासन की टीम ने जीतू सोनी के भाई महेंद्र सोनी की फैक्टरी के अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया। इसके पहले शुक्रवार को प्रशासन की टीम ने महेंद्र सोनी के भाई की फैक्टरी की नपती करवाई थी। महेंद्र सोनी और जीतू का भतीजा जिग्नेश सोनी इस फैक्टरी का संचालन करते थे। इसके पहले के जीतू सोनी के 6 ठिकानों पर नगर निगम कार्रवाई कर चुका है। शनिवार सुबह से ही ऑपरेशन क्लीन के तहत प्रशासन और निगम का अमला पोलोग्राउंड औद्योगिक क्षेत्र में बनी फैक्टरी को तोड़ने पहुंच गया था। निगम और उद्योग विभाग की जांच में पाया गया है कि यह फैक्टरी पूरी तरह अवैध थी। धातुओं पर अन्य धातुओं की परत चढ़ाने वाली यह फैक्टरी 15 साल पुरानी बताई जा रही है। जीतू सोनी पर कार्रवाई के बाद फैक्टरी का कामकाज बंद हो गया था। डीआईसी के चार अधिकारियों ने फैक्टरी का मुआयना कर रिकॉर्ड से मिलान किया। फैक्टरी स्थापित करने के लिए जमीन डीआईसी ने ही दी थी।
जीतू सोनी के भाई महेंद्र-हुकुम और प्रेमिका सोनिया पर भी इनाम घोषित
फरार जीतू सोनी के दो भाई और प्रेमिका पर भी पुलिस ने पांच-पांच हजार का इनाम रख दिया है। बड़ा बेटा एमआईजी थाने की हवालात में बंद है। छोटे बेटे और भतीजों पर पहले ही इनाम की घोषणा हो चुकी है। आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस रिश्तेदार, दोस्त और परिचितों से पूछताछ कर रही है। शासन ने जीतू सोनी पर इनाम राशि बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दी है। एसपी (पूर्व) मोहम्मद यूसुफ कुरैशी के मुताबिक जीतू उर्फ जितेंद्र जगजीवन दास सोनी के खिलाफ मानव तस्करी, वेश्यावृत्ति, लूट, ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी सहित कई केस दर्ज हैं। उस पर 30 हजार रुपए का इनाम था। गुरुवार को शासन ने इनाम राशि बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दी।
जीतू के भाई महेंद्र और हुकुम भी मानव तस्करी व धमकी के आरोपित हैं, जबकि प्रेमिका सोनिया पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज है। एसपी के मुताबिक तीनों आरोपितों पर भी इनाम घोषित कर दिया है। सोनिया का गिरफ्तारी वारंट जारी करवा लिया है। विदेश भागने की आशंका में सोनिया का भी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करवाया जा रहा है। उधर, बाणगंगा थाना पुलिस ने पोलोग्राउंड स्थित महेंद्र की फैक्टरी में जीतू सोनी के छिपे होने की सूचना पर छापा मारा। टीआई इंद्रमणि पटेल ने कर्मचारियों से पूछताछ की और करीब एक घंटा फैक्टरी में छानबीन कर लौट आए।