नैनीताल जिले में काठगोदाम से दस किलोमीटर आगे फतेहपुर रेंज के भदयूनी गांव की बुजुर्ग महिला को तेंदुए ने अपना शिकार बना लिया। महिला अपनी बहू के साथ पास के जंगल में घास लेने गई थी। बहू पेड़ पर चढ़कर नीचे पत्ते फेंक रही थी। इसी दौरान घात लगाए बैठे तेंदुए ने पत्तों को इकट्ठा कर रही सास पर हमला कर दिया और घसीट ले गया। बहू ने तेंदुए की पूछ देकर शोर मचाया तो कुछ ही देर मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना पर रेंजर और ज्योलीकोट पुलिस भी पहुंच गई। डेढ सौ मीटर के दायरे में सर्च अभियान चलाकर शव को बरामद कर लिया गया है। शव को मोर्चरी लाया जा गया है।
फतेहपुर रेंज में बाघ और तेंदुए की दहशत बनी हुई है। कुछ ही महीनों में इस रेंज में चार लोगों का शिकार हो चुका है। मंगलवार की सुबह भदयूनी गांव निवासी धनुली देवी उम्र 60 वर्ष अपनी बहू लीला के साथ घर के पास के ही जंगल में घास लेने गई थी। बहू पेड़ पर चढकर नीचे पत्ते तोड़कर फेंक रही थी, जिन्हें धनूली देवी इकट्ठा कर रही थी।
इसी दौरान घात लगाकर बैठे तेेंदुए ने धनुली पर हमला कर दिया और घसीट कर ले जाने लगा। बहू लीला नीचे देखा तो तेंदुए की सिर्फ पूछ दिखाई दी। उसने शोर मचाया तो मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना पर रेंजर केएल आर्य और ज्योलीकोट पुलिस भी पहुंच गई। सर्च अभियान चलाकर डेढ़ मीटर की रेंज में धनुली देवी का क्षत-विक्षत शव बरामद कर लिया गया। धनुली देवी को दो बेटे हैं, जो घर पर ही रहते हैं। घटना के बाद से स्वजनों में कोहराम मचा हुआ।
ग्रामीणों ने कहा, तेंदुए को मारा जाए
घटना के बाद से ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। उनकी मांग है कि तेंदुए को पकड़ने की बजाए आदमखोर घोषित कर मारा जाए। कहा कि तेंदुए के मुह खून लग चुका है। ऐसे में गांव के बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं पर खतरा बढ़ गया है। वन कर्मचारियों को फिलहाल पिंजरा लगा देना चाहिए। लेकिन उसे पकड़ने की बजाए उसका शिकार होना चाहिए। वहीं वन विभाग ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मुआवजने की रकम पीडि़त परिवार को दिलाई जाएगी।