महज दो महीने की बातचीत के बाद आगरा की रहने वाली प्रेमिका दिव्यांग प्रेमी का साथ निभाने के लिए 120 किलोमीटर दूर मैनपुरी पहुंच गई। बुधवार को दोनों ने माता शीतला देवी मंदिर में सात फेरे लिए। युवक के घरवालों ने साथ रखने से इनकार कर दिया तो गुरुवार को दोनों कोतवाली पहुंचे और सुरक्षा की गुहार लगाई।
कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला दक्षिणी छपट्टी निवासी राकेश मिश्रा दोनों पैरों से दिव्यांग है। वह ई-रिक्शा पर परचून का सामान बिक्री कर गुजर बसर करता है। जनवरी में उसकी आगरा के भगवान टॉकीज क्षेत्र निवासी युवती मानसी चौहान से फोन पर बातचीत होने लगी। युवती पिता से परेशान थी, कुछ दिनों की बातचीत के बाद उसने शादी का प्रस्ताव रख दिया।
राकेश के अनुसार उसे यह सुनकर लगा कि शायद अब सच्चाई बताने का समय आ गया है। उसने मानसी को बताया कि वह दोनों पैरों से दिव्यांग है। वह चलकर उसके पास नहीं आ सकता। राकेश की इस बात का मानसी पर गहरा असर हुआ। उसने कहा कि उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। वह अब उसी के साथ अपना सारा जीवन बिताएगी। बुधवार को मानसी बस से 120 किलोमीटर का सफर तय कर राकेश के घर पहुंच गई। यहां दोनों मां शीतला देवी के मंदिर में पहुंचे और सात फेरे लिए। राकेश के घरवालों ने दोनों को घर में रखने से मना कर दिया है। किसी तरह से किराए के कमरे का बंदोबस्त कर दोनों ने रात गुजारी। गुरुवार सुबह दोनों कोतवाली पहुंचे। दोनों का कहना है कि परिजन किसी भी तरह का नुकसान न कर सकें, इसलिए उनकी कानूनी तौर पर शादी कराई जाए।
राकेश ने बताया जनवरी के महीने में अचानक उसे एक मिस्ड कॉल आई। जब उसने बात की तो एक लड़की बोल रही थी। बातचीत में उसने लड़की से उसकी आवाज अच्छी होने की बात कही। दोनों के बीच दोस्ती हो गई और फिर सिलसिला आगे बढ़ गया। अभी दो माह भी नहीं हुए थे कि दोनों एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खाने लगे। आखिरकार बुधवार को मानसी अपना घर छोड़ कर प्रेमी के पास आ गई। दोनों अब कोतवाली पुलिस से संरक्षण मांगने पहुंचे हैं।
दिव्यांग युवक व आगरा निवासी युवती का मामला संज्ञान में आया है, जानकारी की जा रही है। जो भी सही कार्रवाई होगी की जाएगी। अभय नरायण राय, सीओ सिटी।