भाजपा से नाराज चल रही सांसद सावित्री बाई फुले ने सभी अटकलों को विराम लगाते हुए शनिवार देर रात कांग्रेस का दामन थाम लिया। शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्वी उत्तर प्रदेश की महासचिव प्रियंका गांधी की मौजूदगी में सांसद फूले कांग्रेस में शामिल हो गई। उनके साथ सपा के पूर्व सांसद राकेश सचान ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया।
वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के बहराइच से भाजपा के टिकट से लोकसभा पहुंची सांसद फुले ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा की नीतियों को दलित विरोधी ठहराया। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश में लगी है, इसलिए उसे रोकना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाजपा को केवल कांग्रेस ही रोक सकती है। इसलिए उन्होंने कांग्रेस का साथ देने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि फुले ने भाजपा पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए दिसम्बर में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने तब कहा था कि दलित सांसद होने की वजह से पार्टी में कभी उनकी बात नहीं सुनी गई। फुले ने कहा कि भाजपा के इसी दलित विरोधी रवैये के कारण मुसलमानों तथा दलित व पिछड़े वर्गो ने भाजपा को हटाने का फैसला किया है। इस मौके पर पश्चिम उप्र के कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे।
पूर्व सांसद ने सपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा
फतेहपुर के पूर्व सांसद राकेश सचान ने बागी तेवर दिखाते हुए साईकिल की सवारी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्होंने शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने राकेश को फतेहपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का सिग्नल भी दे दिया है।
गौरतलब है कि 2014 का चुनाव मोदी लहर में हारने के बाद राकेश सचान लगातार सक्रिय थे और चुनाव की तैयारी कर रहे थे। लेकिन ऐन वक्त पर फतेहपुर सीट सपा-बसपा गठबंधन में बटवारे के तहत बसपा को चली गई। पूर्व सांसद के साईकिल छोड़कर कांग्रेस में चले जाने से फतेहपुर का चुनाव बेहद दिलचस्प होगा। उन्होंने लोकसभा सीट पर सपा कार्यकर्ताओं के बीच गहरी पैठ बनाने के साथ ही बूथ स्तर पर संगठन को खड़ा करने में सपा को मजबूती प्रदान की थी।