कांग्रेस की नवनिर्वाचित महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कार्यभार ग्रहण करने के बाद सोमवार को पहली बार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंच रही हैं. हालांकि उनका पहला यूपी दौरा कुछ दिनों के लिए ही तय हुआ है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसके बाद जब प्रियंका दोबारा प्रदेश लौटेंगी तो एक महीने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगी. कांग्रेस की प्रदेश इकाई प्रियंका गांधी के इस कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में लगी है और माना जा रहा है लखनऊ दौरे में इसका ऐलान किया जा सकता है.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक प्रियंका 18 फरवरी के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर निकलेंगी. इस कार्यक्रम के तहत वे हर दिन एक लोकसभा क्षेत्र में रुकेंगी, वहां कार्यकताओं से मिलेंगी और सभा भी करेंगी. कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने ‘आजतक’ से बातचीत में कहा कि जल्द ही प्रियंका गांधी 1 महीने के पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर निकलेंगी, जहां सभाओं से लेकर रोड शो तक के कार्यक्रम होंगे और तमाम कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगी.
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में दो प्रभारी महासचिव नियुक्त किए हैं. जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार प्रियंका गांधी को और पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रभार सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया गया है. दोनों प्रभारी महासचिव प्रियंका और सिंधिया अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहली बार सोमवार को उत्तर प्रदेश दौरे पर पहुंच रहे हैं. इस अवसर पर दोनों नेताओं के लखनऊ आगमन पर रोड शो का कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे. हालांकि राहुल उसी दिन दिल्ली वापस आ जाएंगे लेकिन प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने-अपने क्षेत्र के नेताओं से मिलकर चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए लखनऊ में ठहरेंगे.
गौरतलब है कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से उत्तर प्रदेश में 18 मंडल हैं. इस लिहाज से कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश के दोनों हिस्सों को 9-9 मंडलों में बांटा है. वहीं सीटों के लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस की इस गणित में पूर्वी उत्तर में लोकसभा की 42 सीटें और पश्चिम उत्तर में 38 सीटें शामिल हैं.
इससे पहले प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी में पर्दे के पीछे से रणनीतिक तैयारियों का हिस्सा रही हैं और अब तक उन्होंने खुद को अपनी मां सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली और भाई के लोकसभा क्षेत्र अमेठी तक ही सीमित रखा था. लेकिन अब देश की सियासत में कांग्रेस महासचिव के तौर पर प्रियंका गांधी की औपचारिक एंट्री काफी चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृहक्षेत्र गोरखपुर पूर्वी यूपी का हिस्सा है. इस लिहाज से पूर्वी यूपी बीजेपी का वो मजबूत गढ़ में जिसमें सेंध लगाने के लिए कांग्रेस को बड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी.
कांग्रेस कहा था कि दो प्रभारी महासचिवों की नियुक्ति के बाद कांग्रेस पार्टी सूबे में दो पूर्णकालिक अध्यक्ष भी बना सकती है. क्योंकि पार्टी के नियम और परंपरा के मुताबिक एक प्रभारी महासचिव के साथ एक अध्यक्ष काम करता है. इस लिहाज से पूर्वी और पश्चिम यूपी में दो पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. कांग्रेस नेता ने बताया कि पूर्वी यूपी में प्रियंका गांधी के हाथ को मजबूत करने के लिए किसी ब्राह्मण को अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
प्रियंका गांधी की राजनीतिक एंट्री से सूबे में लगातार हार से निराश हो चुके कांग्रेस कैडर में उत्साह है. तो वहीं माना जा रहा है कि प्रियंका अपने अंदाज और तेवर से कांग्रेस कैडर में जान फूंकने का काम करेंगी. उन्होंने इसकी शुरुआत दिल्ली से ही कर दी थी जिसके तहत उन्होंने पुराने और हाशिए पर चल रहे कांग्रेसी नेताओं से खुद फोन पर बात की और उनसे आशिर्वाद लिया. जाहिर है प्रियंका की रणनीति कांग्रेस के पुराने दिनों को फिर से जीवित करने की है