प्राण वल्लभ दास ने प्रयागराज में कहा-आपस में लड़ रहे देशों को भारत की संस्कृति वैदिक परंपरा से सीखना चाहिए…

एक ओर तो वर्चस्व को लेकर रूस-यूक्रेन एक दूसरे पर गोले बरसा रहे हैं। दूसरी ओर इन दोनों देशों के नागरिक भारतीय धर्म, संस्कृति और परंपरा को अपनाकर भक्ति के मार्ग पर चल रहे हैं। जनेऊ और शिखा धारी यूक्रेनी नागरिकों के कदम संगमनगरी की पवित्र धरा पर भी पड़े। उन्‍हाेंने कहा कि गीता में दिए गए श्रीकृष्ण के उपदेशों का पालन सभी को करना चाहिए।

इस्‍कान मंदिर प्रयागराज पहुंचे यूक्रेन के नागरिक : प्रयागराज के बलुआघाट में स्थित इस्कान मंदिर बलुआघाट पहुंचे यूक्रेनी नागरिकों ने शुक्रवार को निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में भी शामिल होकर कृष्ण का आभास किया था।

विष्‍णुपुरी दास बोले- वर्चस्‍व के लिए युद्ध महाभारत की कहानी ताजा करता है : दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में वृंदावन से आए यूक्रेनी नागरिक विष्णुपुरी दास ने कहा कि वर्चस्व के लिए युद्ध का रास्ता अपनाने से महाभारत की कहानी ताजा हो जाती है। इसमें खून निर्दोषों का बहता है। रूस-यूक्रेन के युद्ध में वही हो भी रहा है। कहा कि बातचीत का रास्ता भी अपनाया जा सकता था। बोले कि अब लोग उस भगवान को भूल रहे हैं जो इस दुनिया की परमसत्ता है। उसी की इच्छा पर दुनिया बसी और संचालित है। जहां कृष्ण हैं वहां आनंद है। विष्णुपुरी दास ने बताया कि उनके एक गुरुभाई रूस के निवासी हैं। वृंदावन में दोनों एक ही कमरे में रहते हैं और भक्ति साधना करते हैं।

प्राण वल्‍लभ दास ने कहा- जो भक्ति के मार्ग पर चलेगा, उसकी जय होगी : यूक्रेन के ही नागरिक प्राण वल्लभ दास ने कहा कि जो भक्ति के मार्ग पर चलेगा, ईश्वर में आस्था और विश्वास रखेगा, जो कृष्ण को मानेगा, उसकी सदा जय होगी। दोनों देशों के बीच हो रही जंग पर कहा कि इससे मानवता का नुकसान हो रहा है। यह सिर्फ एक जंग नहीं बल्कि विकसित देश को 100 वर्ष पीछे धकेलने और हंसती खिलखलाती जिंदगी को वीराने में तब्दील करने वाली बात है। प्राण वल्लभ दास ने कहा कि आपस में लड़ रहे देशों को भारत की संस्कृति, वैदिक परंपरा से सीखना चाहिए, यहां की धर्म संस्कृति को अपनाया जाए तो दुनिया भर में खुशहाली आएगी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com