प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां कहा कि 21वीं सदी की नींव नवाचार, टीम वर्क और प्रौद्योगिकी के स्तंभों पर टिकी हुई है, जो भारत को पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगी. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के 56वें दीक्षांत समारोह में मोदी ने कहा कि 21वीं सदी की नींव तीन स्तंभों नवाचार, टीम वर्क और प्रौद्योगिकी पर टिकी हुई है.
इस दौरान मोदी ने विद्यार्थियों से कहा कि वे जिस तरह का बनना चाहते हैं, तय करें. उन्होंने कहा कि शिक्षा दीक्षांत समारोह के साथ समाप्त नहीं होती, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया है.
मोदी ने कहा कि भारत पांच खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में काम कर रहा है और विद्यार्थियों की प्रौद्योगिकी में नवाचार, आकांक्षा और अनुप्रयोग इस सपने को सच करेंगे. उन्होंने विद्यार्थियों से यह भी आग्रह किया कि वे अपनी मातृभूमि और इसकी आवश्यकता को याद रखें, जहां वे काम करते हैं और रहते हैं.
मोदी ने स्नातक पास युवाओं से कहा कि वे ऐसे समय से गुजर रहे हैं, जब दुनिया भारत को अद्वितीय अवसरों के रूप में देख रही है. मोदी ने कहा, “अमेरिका यात्रा के दौरान मैंने कई राष्ट्राध्यक्षों, व्यापारिक नेताओं, नवप्रवर्तकों और निवेशकों से मुलाकात की. हमारी बातचीत में एक चीज आम रही, जोकि न्यू इंडिया के बारे में आशापूर्ण दृष्टि थी.”
उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के मामले में दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है और उनमें से कई पूर्व आईआईटी छात्र हैं. सिविल सेवाओं में प्रवेश करने वाले कई आईआईटी स्नातकों का हवाला देते हुए मोदी ने विद्यार्थियों से कहा कि वे ब्रांड इंडिया को मजबूत बना रहे हैं.
इससे पहले दिन में आईआईटी रिसर्च पार्क की अपनी यात्रा को याद करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, हेल्थकेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में स्टार्ट-अप देखा और वे एक अद्वितीय भारतीय ब्रांड बनाएंगे.
मोदी ने कहा कि अपने उत्पादों के लिए बाजार की तलाश स्टार्ट-अप के लिए बड़ी चुनौती है और सरकार का स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम इसमें मदद करेगा. उन्होंने विद्यार्थियों से सपने देखने से नहीं रुकने की अपील करते हुए कहा कि यह विकसित होने का तरीका है. उन्होंने विद्यार्थियों से एक बार उपयोग वाले प्लास्टिक का विकल्प तलाशने का भी आग्रह किया.
कार्यक्रम के दौरान मोदी ने टॉपर विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए. इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक आदि मौजूद रहे.