Madhya Pradesh News वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही प्रदेश सरकार मंगलवार को एक बार फिर बाजार से एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। यह राशि विकास परियोजनाओं और वित्तीय गतिविधियों में लगाई जाएगी। इसके पहले भी सालभर में 19 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है। इसे मिलाकर प्रदेश के ऊपर कर्ज लगभग दो लाख करोड़ रुपए का हो चुका है।
केंद्रीय करों में 14 हजार 233 करोड़ रुपए की कटौती से वित्तीय प्रबंधन गड़बड़ा गया
सूत्रों से इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय करों में 14 हजार 233 करोड़ रुपए की कटौती होने के बाद सरकार का वित्तीय प्रबंधन गड़बड़ा गया है। बताया जाता है कि मध्य प्रदेश में लगभग 15 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता और राहत पांच फीसदी बढ़ाने का फैसला अभी तक नहीं हो पाया है। धनराशि नहीं होने से विभागों के बजट में बड़ी कटौती भी करना पड़ी है।
कई खर्चों पर वित्त विभाग ने रोक लगा दी
इतना ही नहीं, कई खर्चों पर वित्त विभाग ने रोक लगा दी है। ऐसी सूरत में प्रगतिरत काम वित्तीय संकट की वजह से प्रभावित न हों, इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार से दस साल के लिए कर्ज लिया जा रहा है।
तय सीमा के दायरे में रहते हुए कर्ज ले रहे
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम में तय सीमा के दायरे में रहते हुए कर्ज ले रहे हैं। राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.5 प्रतिशत तक कर्ज लिया जा सकता है।