भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने गुरुवार देर रात तक बैठक की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत इसके सदस्यों ने लोकसभा चुनावों के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची को अंतिम रूप देने पर मंथन किया। आगामी लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में संभावित हैं।
बैठक में हिस्सा लेने वालों में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल थे। साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत समेत विभिन्न राज्यों के नेता भी बैठक में पहुंचने वालों में शामिल थे।
चुनाव में हारी हुई सीटों की आ सकती है लिस्ट
राज्यों के नेतागण केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में तभी शामिल होते हैं जब उनके राज्य के संसदीय क्षेत्रों के प्रत्याशियों पर चर्चा होती है। सूत्रों का कहना है कि प्रत्याशियों की शुरुआती सूचियों में बड़ी संख्या में ऐसी सीटें शामिल हो सकती हैं जिन पर भाजपा 2019 के चुनाव में पराजित हुई थी और जिन पर उसने अपनी संभावनाएं सुधारने का लक्ष्य तय किया है।
इन केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतार सकता है पार्टी
भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान और मनसुख मांडविया समेत कई केंद्रीय मंत्रियों को पार्टी आम चुनाव में उतार सकती है क्योंकि हालिया राज्यसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें संसद के उच्च सदन का प्रत्याशी नहीं बनाया।
पार्टी नए चेहरों को मौका देती है
भाजपा प्रत्याशियों की सूची अक्सर इसलिए खास होती है क्योंकि पार्टी नए चेहरों को मौका देती है, लिहाजा सभी की निगाहें सूची पर हैं कि पार्टी जाने-माने चेहरों का टिकट काटकर प्रत्याशियों के चयन में कुछ नए प्रयोग करती है या नहीं। मालूम हो कि केंद्रीय चुनाव समिति में अंतिम रूप से विचार से पहले शाह और नड्डा समेत पार्टी के ‘ब्रेन ट्रस्ट’ ने संभावितों की सूची तैयार करने के लिए राज्यों के अपने नेताओं के साथ कई बैठकें की हैं।