प्याज की आसमान छूती कीमतों पर अब कुछ राहत मिलने की उम्मीद दिख रही है. अब तक 12,000 टन प्याज विदेशों से आ चुका है जो राज्यों के बीच वितरण के लिए तैयार है. केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को प्याज 49-58 रुपये प्रति किलो की दर से दी जाएगी. हालांकि अलग जायका की वजह से आयातित प्याज खरीदने में राज्य कुछ हिचक भी दिखा रहे हैं.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को बताया कि केंद्र सरकार ने आयातित प्याज 49-58 रुपये प्रति किलो की दर से राज्यों को उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि अब तक 12,000 टन प्याज विदेशों से आ चुका है जो राज्यों के बीच वितरण के लिए तैयार है. देश की राजधानी दिल्ली में खुदरा प्याज अभी भी 50-80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
आयातित प्याज लेने में हिचक
देश में भी प्याज की कीमतों में कुछ नरमी आई है. देश में दाम घटने के बाद राज्य आयातित प्याज खरीदने से पीछे हटने लगे हैं. राज्यों की ओर से पहले 33,139 टन प्याज की मांग की गई थी जो बाद में घटकर 14,309 टन रह गई है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, पासवान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने आयातित प्याज की आयात लागत के आधार पर ही तय किया है. मतलब लैंडिग रेट पर ही राज्यों को प्याज मुहैया करवाया जाएगा जोकि 49-58 रुपये प्रति किलो के दायरे में आता है.
इस महीने के अंत तक आएगा 40 हजार टन प्याज
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने एक लाख टन प्याज आयात करने का फैसला लिया था जिनमें बताया कि 40,000 टन सौदे पहले ही हो चुके हैं जो जनवरी के आखिर तक देश में आ जाएगा. अब तक देश में 12,000 टन आयातित प्याज आ चुका है.
विदेशी प्याज में देसी प्याज जैसा जायका नहीं होने के कारण मांग कम होने को लेकर उठे सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्याज के स्वाद को लेकर सरकार क्या कर सकती है. सरकारी एजेंसी को जहां जैसा प्याज मिला, उसने वैसा लाने का प्रयास किया.
असम, महाराष्ट्र, हरियाणा और ओडिशा ने शुरुआत में क्रमश: 10,000 टन, 3,480 टन, 3,000 टन और 100 टन प्याज की मांग की थी, लेकिन संशोधित मांग में इन राज्यों ने आयातित प्याज खरीदने से मना कर दिया है.