पोषक तत्वों से भरपूर अब लीजिये बनारस में बनी ‘मैंगो वाइन’ का मजा

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविघालय के वैज्ञानिकों ने आम ‘मैंगो वाइन’ यानी शराब तैयार की है.

विशेषज्ञों ने दावा किया है कि इस ‘मैंगो वाइन’ में कैंसर और हृदय रोग की बीमारियों से भी लड़ने की क्षमता है.

पोषक तत्वों से भरपूर अब लीजिये बनारस में बनी 'मैंगो वाइन' का मजा ‘मैंगो वाइन’ को वाराणसी के काशी हिंदू विवि के कृषि विज्ञान संस्थान के खाघ एंव विज्ञान प्रौद्योगिकी केंद्र स्थित लैब में तैयार किया गया है.

केंद्र के असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक दत्त त्रिपाठी ने बताया, “ऐसा पाया गया कि भारत में हर साल आम के 25 से 40 प्रतिशत हिस्से का उपयोग तक नहीं हो पाता. इसलिए कुछ ऐसा बनाने के बारे में सोचा गया जो स्वास्थ्य वर्धक हो और लोगो को टेस्टी भी लगे.”

वो बताते हैं, “मैंगो वाइन बनाने के पहले आम की 6 किस्में- दशहरी, लंगड़ा, तोतापरी, अलफांसो, बेगनपल्ली और नीलम पर शोध किए गए. लंगड़ा और दशहरी आमों में एण्टी ऑक्सिडेंट और पॉलिफ़िनाल प्रचुर मात्रा में पाया गया. जोकि हृदय रोग, कैंसर और त्वचा रोग से लड़ने में काफी कारगर हैं.”

150514104332_mango_624x351_thinkstockप्रो त्रिपाठी के मुताबिक़ इन छह आमों की वेराइटी में दशहरी का एल्कोहल की मात्रा, स्वाद, गंध आदि के विश्लेषण के सार्थक परिणाम मिले. साथ ही दशहरी आम में विटामिन ए और सी भी काफी मात्रा में पाया गया.

उनके अनुसार, ऐसे ही गुण ‘बेगनपल्ली’ आम में भी पाए गए, लेकिन दशहरी आम यहां आसानी से उपलब्ध और परिणाम में बेहतर भी. इसके पोषक तत्वों की जांच के लिए बीएचयू के स्कूल ऑफ़ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग की मदद ली गई.

शोध में ऑक्सिडेंट और पॉलिफ़िनालिक कम्पाउण्ड की खासी मात्रा पाई गई जिससे दिल के रोग और कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलती है.

प्रो त्रिपाठी ने बताया कि इस शोध को पूरा करने में 6 महीने का वक़्त लग गया और अभी लैब स्तर पर प्रोडक्शन किया गया है और आने वाले 6 महीनों में इसे बाज़ार में लाने की कोशिश होगी.

प्रो त्रिपाठी ने बताया, “वाइन को लोग मिसलिडिंग टर्म में लेते हैं कि ये शराब हैं जबकि वाइन फर्मेंटेड प्रोडक्ट है. हमारा मकसद एक फर्मेंटेड प्रोडक्ट बनाने का था, ताकि स्वाद के साथ ही साथ स्वास्थ्य वर्धक हो.”

खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र के समन्वयक प्रो एसपी सिंह बताते हैं, “अच्छी पैदावार के बावजूद आम के पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट के अभाव में नुकसान काफी होता है. इसलिए ‘मैंगो वाइन’ बनाने का फैसला लिया गया, ताकि आम के नुकसान को रोका जा सके और ऑफ़ सीजन में भी इसे उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सके.”

शोधार्थियों में से एक अर्पित श्रीवास्तव ने बताया कि आम की बर्बादी रोकने में ‘मैंगो वाइन’ बहुत कारगर है.

क्योंकि आम में शुगर की मात्रा काफ़ी ज़्यादा रहती है और ये पोषक तत्वों से भरपूर भी है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com