स्वयं धरना स्थल पर पहुँच कर तथाकथित पेपर लीक मामले की सीबीआई जाँच के आदेश देकर मुख्यमंत्री धामी ने एक बार फिर प्रदेश की जनता, खासकर युवा पीढ़ी का दिल जीत लिया है. हालांकि मुख्यमंत्री पहले भी यह बोल चुके थे कि वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं, जांच को रोकने या किसी अपराधी को बचाने में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है, सरकार हर हाल में शत-प्रतिशत पारदर्शी परीक्षाओं के लिए प्रतिबद्ध है. वे सीबीआई जांच से सिर्फ और सिर्फ इसीलिए बच रहे थे, क्योंकि इसमें समय लग सकता है. और पिछले चार वर्षों में जिस तेजी और पारदर्शिता से राज्य में भर्तियाँ हो रही थीं, उन पर कहीं रोक न लग जाए! लेकिन धामी यह भी नहीं चाहते थे कि आन्दोलनरत युवाओं के मन में किसी तरह का शक या संदेह बचा रहे कि सरकार निष्पक्ष जांच से बाख रही है. यदि युवा सीबीआई जांच ही चाहते हैं तो उसके लिए भी वे तैयार हैं.
मुख्यमंत्री धामी यह भी अच्छी तरह से देख रहे थे कि आन्दोलन धीरे-धीरे गलत हाथों में जा रहा है. पूरे देश से वे लोग देहरादून पहुँच रहे थे, जो कभी किसान आन्दोलन तो कभी सीएए के विरोध में हुए आन्दोलनों में दिख रहे थे. दिल्ली, लखनऊ सहित प्रदेश भर में फैले वामपंथी नेता, तथाकथित बुद्धिजीवी और अन्दोलनजीवी देहरादून पहुँच कर माइक देखते ही मोदी-धामी सरकारों और संघ-भाजपा के खिलाफ जहर उगलने लगे थे. वे तमाम यूट्यूबर, तथाकथित इन्फ्लुएंसर यहाँ पहुँच चुके थे, जो मोदी सरकार को गरियाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ना चाहते. वे मर्यादा की तमाम सीमाओं को लांघ रहे थे. देवभूमि की भोली भाली जनता को भड़काने या बरगलाने की कोशिश कर रहे थे. दरअसल आन्दोलनरत युवा तो तीन दिन पहले ही कहीं पीछे छूट चुके थे. इसीलिए मुख्यमंत्री धामी को आगे आना पडा.
सीएम धामी ने बेरोजगार युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि युवाओं में किसी भी तरह का अविश्वास ना रहे, इसके लिए पेपर लीक की सीबीआई जांच कराने के लिए वे तैयार हैं. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने युवाओं को भरोसा दिलाया कि “मैं पहले दिन से युवाओं के हितों की बात करता आया हूं और आगे भी करता रहूंगा। परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।”
मुख्यमंत्री की इस अप्रत्याशित उपस्थिति से अभ्यर्थियों में उम्मीद की लहर दौड़ पडी. इस दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभ्यर्थियों की सभी शिकायतों और सुझावों को गंभीरता से सुना जाए और त्वरित कार्रवाई हो। सीएम धामी ने कहा कि जांच की निगरानी सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कर रहे हैं और सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी ईमानदार अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होगा और जरूरत पड़ी तो और कड़े कदम उठाए जाएंगे। निश्चय ही मुख्यमंत्री की इस पहल से वे एक बार पुनः युवा ह्रदय सम्राट बन गए।