पूर्व सांसद व अभिनेत्री जयाप्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गुरुवार को फिर सुनवाई टल गई। आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम कोर्ट में हाजिर नहीं हो सके। जबकि जयाप्रदा भी 164 सीआरपीसी के बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचीं। एडीजे-5 एमपी/एमएलए स्पेशल न्यायाधीश पुनीत गुप्ता की अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 15 दिसंबर की तारीख नियत की है। साथ ही सीतापुर जेल में बंद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को तलब करने के आदेश दिए हैं।

रामपुर में आवास विकास कालोनी निवासी मुस्तफा हुसैन ने सिविल लाइंस थाने में रामपुर के सांसद एवं पूर्व मंत्री आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, मुरादाबाद के सांसद डा. एसटी हसन, रामपुर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अजहर खां, संभल के पूर्व सपा जिला अध्यक्ष फिरोज खां समेत सैयद आरिफ हसन और तीन अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
मुस्तफा हुसैन की ओर से आरोप लगाया गया था कि 30 जून 2019 को मुरादाबाद के कटघर क्षेत्र स्थित मुस्लिम डिग्री कालेज में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सांसद व अभिनेत्री जयाप्रदा के खिलाफ आपत्ति जनक टिप्पणी की गई थी। इस केस की सुनवाई एडीजे-5 एमपी/एमएलए स्पेशल न्यायाधीश पुनीत गुप्ता की अदालत में चल रही है।
इस केस की विवेचना रामपुर क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही है। विवेचक ने ईमेल के जरिये जयाप्रदा को सूचना भेजी थी कि 164 सीआरपीसी के बयान अंकित कराने के लिए पहुंचें। पूर्व सांसद जयाप्रदा की ओर से जवाब भेजा गया कि वह मुंबई में हैं और बीमार हैं। अभी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंच सकेंगी।
सांसद आजम खां के अधिवक्ता शहनवाज सिब्तेन ने बताया कि सीतापुर जेल से जेल अधीक्षक ने न्यायालय में फैक्स भेजा है। इसमें उन्होंने सीतापुर एसपी का पत्र भी संलग्न किया है। उन्होंने बताया है कि किसान आंदोलन की वजह से सड़कों पर अवरोध हैं। पुलिस कर्मी भी ड्यूटी में भेजे गए हैं।
ऐसे में सांसद आजम खां और अब्दुल्ला आजम खां को सीतापुर से मुरादाबाद कोर्ट तक लाना सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। आग्रह किया है कि पिता-पुत्र की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के जरिये करा दी जाए या फिर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी जाए। केस के विवेचक ने पिता-पुत्र को सीतापुर से तलब करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था।
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