उत्तर प्रदेश के बदले सियासी मिजाज के तहत भाजपा दिग्गजों के समक्ष कांग्रेस की महासचिव व पूर्वी क्षेत्र की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा बड़ी चुनौती बन गई हैं। इसके बाद से भाजपा के लिए पूर्वांचल को साधना काफी अहम हो गया है।
लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल की राजनीतिक भूमि पर अपनी जड़ें जमाए पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ समेत रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय, केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कलराज मिश्र आदि दिग्गजों की साख दांव पर होगी। क्योंकि, इनके समक्ष प्रियंका गांधी बड़ी चुनौती साबित हो सकती हैं।
बीते वर्ष प्रदेश में हुए विधानसभा के उप चुनाव में भाजपा को मिली हार ने पहले ही खतरे की घंटी बजा दी है। भाजपा में मची खलबली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी की प्रदेश इकाई पूर्वांचल के कई जिलों में पीएम मोदी व सीएम योगी की रैलियां आयोजित करने पर मंथन कर रही हैं, ताकि माहौल अपने पक्ष में रहे। इसके लिए उप्र में पीएम की हर महीने एक रैली कराने का प्लान बन रहा है।
छोटे दलों को जोड़ेगी कांग्रेस
मोदी को सत्ता में आने से रोकने के लिए उप्र में विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। पूर्वांचल के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा-बसपा की एकता से भाजपा चारों खाने चित हो गई थी। इसके बाद विपक्ष की एकता की ताकत की अजमाईश पश्चिमी यूपी के कैराना में भी दिखी, जहां आरएलडी ने भाजपा को शिकस्त दी।
उपचुनाव में मिले जीत के फार्मूले से उत्साहित सपा, बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर लिया है। इसमें दरकिनार हुई कांगे्रस भी पूर्वांचल समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छोटे-छोटे दलों को शामिल कर नया गठबंधन बनाने की कोशिश में है, जिसका संकेत बनारस दौरे पर आए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम दे चुके हैं।
बनारस से प्रियंका के चुनाव लड़ने की उठी मांग
प्रियंका गांधी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी बनाए जाने पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कई स्थानों पर जश्न मनाया गया। इतना ही नहीं दो कदम आगे बढ़ते हुए प्रिंयका गांधी को बनारस से चुनाव लड़ने की मांग कर दी गई, जिसका प्रस्ताव राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपा जाएगा।
पूर्व विधायक अजय राय समेत अनेक पदाधिकारियों ने हाई कमान के इस निर्णय का जोरदार स्वागत किया। मिर्जामुराद में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का यह फैसला साहसिक, सामयिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से ऐतिहासिक महत्व का है।