हरियाणा की नायब सैनी प्रदेश के पूर्व विधायकों पर पूरी तरह से मेहरबान दिख रही है। भले ही 2006 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम बंद हो गई हो पर पूर्व विधायकों की पैंशन में 10 हजार रुपए प्रतिमाह का इजाफा किया गया है। यह फैसला गत महीने नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था।
इसमें प्रदेश विधानसभा के हर पूर्व सदस्य अर्थात विधायक को स्पैशल ट्रैवलिंग अलाऊंस देने का फैसला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार हरियाणा मंत्रिपरिषद की पिछली बैठक में हरियाणा विधानसभा (सदस्यों का वेतन, भत्ते एवं पैंशन) कानून, 1975 की धारा 7 (सी) में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई जिसमें प्रदेश के पूर्व विधायकों को प्रतिमाह विशेष यात्रा भत्ता प्राप्त करने लिए अधिकतम 1 लाख रुपए तक पैंशन राशि की सीमा को हटा दिया गया है।
इसके फलस्वरूप अब प्रतिमाह 1 लाख रुपए से ऊपर पैंशन प्राप्त कर रहे पूर्व विधायकों को भी हर महीने 10 हजार रुपए स्पैशल ट्रैवलिंग अलाऊंस के तौर पर प्राप्त होंगे। आगामी अगस्त-सितम्बर माह में निर्धारित हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में उपरोक्त कानूनी संशोधन को सदन में विधेयक के तौर पर पेश कर पास करवा लिया जाएगा।
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हालांकि अगर नायब सैनी सरकार चाहे तो वह उससे पूर्व भी उक्त कानूनी संशोधन को राज्यपाल से अध्यादेश के तौर पर प्रख्यापित करवाकर तत्काल भी लागू कर सकती है। पूर्व वर्ष हेमंत ने बताया कि आज से 6 वर्ष 2018 में हरियाणा विधानसभा द्वारा 1975 के कानून में संशोधन कर प्रदेश के पूर्व विधायकों को उन्हें मिलने वाली पैंशन राशि के आधार पर 2 श्रेणियों में बांटा गया था। पहले जो 1 जनवरी, 2016 से पहले विधायक के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा कर चुके थे और दूसरे जो उक्त तारीख के बाद के हैं।
1 जनवरी, 2016 से पहले के पूर्व विधायकों की पैंशन राशि को ज्यों का त्यों रखा गया, हालांकि उसके बाद बने पूर्व विधायकों के लिए व्यवस्था की गई कि उपरोक्त तारीख के बाद जिस विधायक ने एक या एक से अधिक कार्यकाल पूरा किया है और वर्तमान में वह निर्वाचित विधायक नहीं है, उसके एवज में उसे एक कार्यकाल के लिए प्रतिमाह 50 हजार रुपए मूल पेंशन मिलेगी। एक कार्यकाल से अधिक होने पर उसे प्रति अतिरिक्त वर्ष पर 2000 रुपए की दर से मूल पैंशन राशि में अतिरिक्त वृद्धि की व्यवस्था भी की गई।