शिकायतकर्ता की पोती का पासपोर्ट आरपीओ के पास लगभग 100 दिनों से लंबित था। उसे कभी इसकी आपूर्ति नहीं की गई। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई द्वारा पेश किए गए तथ्य इसका आधार हैं कि उक्त अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर अपनी पावर का दुरुपयोग किया जा रहा था।
रिश्वत मामले में गिरफ्तार हुए रीजनल पासपोर्ट अधिकारी जालंधर की जमानत याचिका मंगलवार को सीबीआई कोर्ट ने खारिज कर दी। सीबीआई की टीम ने 16 फरवरी को हुई रेड के बाद रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर अनूप सिंह और उनके साथियों को गिरफ्तार किया था।
जानकारी के अनुसार, अनूप सिंह के साथ सीबीआई ने असिस्टेंट पासपोर्ट ऑफिसर हरिओम और संजय श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार किया था। सीबीआई की विशेष अदालत के जज राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता की पोती का पासपोर्ट आरपीओ के पास लगभग 100 दिनों से लंबित था। उसे कभी इसकी आपूर्ति नहीं की गई। सीबीआई द्वारा पेश किए गए तथ्य इसका आधार हैं कि उक्त अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर अपनी पावर का दुरुपयोग किया जा रहा था जिससे एक बड़ा रैकेट चल रहा था। इसी रैकेट के तहत शिकायतकर्ता से आरोपियों ने 25 हजार रुपये की डिमांड की थी।
जज गुप्ता ने कहा कि ये मामला काफी गंभीर है। सीबीआई को एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि हरिओम पासपोर्ट जारी करने के लिए उनसे करीब 25 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है। पीड़ित ने अपने पोती और पोते का पासपोर्ट बनवाया था।