नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली बड़ा एलान किया है। उन्होंने घोषणा की है कि उनकी पार्टी 5 मार्च, 2026 को होने वाले आम चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी 5 मार्च, 2026 को होने वाले आम चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। ओली के इस बयान पर राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने असंतोष जताया है। बौद्धिक समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ शनिवार को शीतल निवास में हुई बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि प्रमुख विपक्षी दल का चुनाव से दूर रहना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए उचित संकेत नहीं है।
बैठक में शामिल एक सहभागी राष्ट्रपति पौडेल ओली के उस निर्णय से असंतुष्ट थे, जिसमें एमाले ने आगामी चुनाव से दूर रहने की घोषणा की है। चर्चा के दौरान राष्ट्रपति पौडेल ने यह भी याद दिलाया कि उन्होंने सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का निर्णय भी ओली की सिफारिश पर किया था।
ज्ञवाली व शाक्य ने जताया विरोध
ओली ने भले ही चुनाव में भाग न लेने का एलान किया, लेकिन उनकी इस घोषणा का उपाध्यक्ष युवराज ज्ञवाली और अष्टलक्ष्मी शाक्य ने विरोध किया। दोनों नेताओं ने कहा कि पार्टी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से अलग नहीं रहना चाहिए। इसके चलते बैठक में कुछ समय के लिए हलचल मच गई।
काठमांडो के 5 संवेदनशील क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध
नेपाली प्राधिकारियों ने राजधानी काठमांडो के पांच संवेदनशील क्षेत्रों में दो महीने की अवधि के लिए विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध शनिवार से प्रभावी हो गए हैं। काठमांडो जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, राष्ट्रपति कार्यालय, सचिवालय, प्रधानमंत्री आवास, उपराष्ट्रपति आवास और नारायणहिती संग्रहालय के आसपास के क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।
इन सभी पांच स्थानों पर विरोध कार्यक्रम, सभा, धरना, भूख हड़ताल व प्रदर्शन प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। नोटिस के अनुसार, इन संवेदनशील क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन, सभाएं और जुलूस से कानून-व्यवस्था की स्थिति खतरे में पड़ सकती है और शांति भंग हो सकती है।
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