भारत सहित पूरे विश्व में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है। गुजरात भी इस हालात से अलग नहीं है यहां भी ऐहतियात के तौर पर विविध कदम उठाये जा रहे हैं। गुजरात हाईकोर्ट ने इसका स्वयं संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और संबंधित विभागों को तलब कर 20 मार्च को हलफनामा पेश करने का आदेश दिया है। वहीं हाईकोर्ट ने राज्य की अन्य कोर्ट को कहा है कि वे कोर्टों में मुवक्किलों को हाजिर रहने में छूट दें, साथ ही सावधानी के तहत अन्य असरकारक कदम भी उठाये।
गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की खण्डपीठ ने राज्य सरकार, स्वास्थ्य सचिव और मुख्य सचिव के नाम नोटिस जारी कर जानना चाहा है कि राज्य सरकार ने इस संक्रामक रोग को फैलने से रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाये हैं। इस जनहित याचिका में कहा है कि कोरोना वायरस के बारे में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने विविध कदम उठाये हैं। चिकित्सा की तैयारिया भी की गयी है। फिर भी इस बारे में सख्त कदम उठाने की जरुरत है। राज्य सरकार इसकी जानकारी दें।
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी सावधानियों पर अमल किया जायेगा। राज्य सरकार सभी कोर्ट परिसर के प्रवेश द्वार पर रेम्पेरेयर गन की सुविधा उपलब्ध करवाये। कोर्ट में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों के शरीर के तापमान की जांच में अधिक पाये जाने पर आवश्यक कदम उठाये जायें।
हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पार्टी इन परसन के तौर पर अपनी पैरवी खुद करने वालों की अनुपस्थिति को नाकारात्मक न लिया जाये। कोर्ट परिसर में सफाई से सम्बंधी सभी सावधानियां रखी जायें। कोरोना वायरस की जागृति के लिए भी विशेष कदम उठाये जायें। कोर्ट परिसर में हस्तधुन के बदले हाथ जोड़कर नमस्ते की मुद्रा में अभिवादन किया जाये।