भारत में चर्चा का एक बड़ा विषय ये है कि देश की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है या नहीं. इसे लेकर अलग-अलग राय सामने आती रहती है, लेकिन अब दुनिया की जानीमानी शोध संस्था प्यू रिसर्च सेंटर ने अपने शोध में कहा है कि ज्यादातर भारतीय मानते हैं कि बीस साल पहले की तुलना में उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है और साथ ही वो अपने बच्चों की माली हालत लेकर भी निश्चिंत हैं. उन्हें भरोसा है कि उनके बच्चों की आर्थिक स्थिति उनसे बेहतर होगी. अगर दुनिया भर के रुझानों पर गौर करें, तो भारत के विपरीत ज्यादातर देश अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
भारत में 56 प्रतिशत लोग मानने हैं कि उनकी वर्तमान आर्थिक स्थिति अच्छी है, जबकि 66 प्रतिशत का मानना है कि उनके बच्चों की आर्थिक स्थिति कही बेहतर होगी. अगर इसकी तुलना विकसित देशों से करें तो अमेरिका में 65 प्रतिशत लोग अपनी आर्थिक स्थिति को तो अच्छा मानते हैं, लेकिन जब बात बच्चों की होती है तो सिर्फ 33 प्रतिशत ही मानते हैं कि उनकी स्थिति भी अच्छी बनी रहेगी.
विकसित देशों में चिंता
ब्रिटेन में ये आंकड़ा और भी कम है. वहां 46 प्रतिशत लोग अपनी स्थिति को बेहतर मानते हैं और सिर्फ 23 प्रतिशत ही अपने बच्चों के भविष्य को लेकर निश्चिंत हैं. जापान और फ्रांस में सिर्फ 15 प्रतिशत लोग मानते हैं कि उनके बच्चों की माली हालत अच्छी होगी. यानी बहुत बड़ी आबादी अपने बच्चों को लेकर चिंतित है. यदि फिलीपींस को छोड़ दे, तो पूरी दुनिया में बच्चों को भविष्य को लेकर सबसे अधिक निश्चिंत भारतीय ही हैं. सर्वे में चीन के आंकड़े शामिल नहीं हैं.
अगर अतीत से वर्तमान के सफर की बात करें तो यूनान और इटली में सबसे अधिक बदहाली आई है. ग्रीस में 87 प्रतिशत लोग और इटली में 72 प्रतिशत लोग मानते हैं कि उनकी जिंदगी खराब हुई है. इसी तरह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और ब्रिटेन में 40 से 50 प्रतिशत लोग मानने हैं कि पिछले 20 वर्षों में उनका जीवन स्तर खराब हुआ है.
इसके विपरीत भारत की बात करें तो यहां 65 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में उनका जीवन बेहतर हुआ है. सर्वे में शामिल सभी देशों में भारत ही ऐसा देश है जहां लोग सबसे अधिक खुशहाल हुए हैं. इंडोनेशिया में 59 प्रतिशत लोग मानते हैं कि उनकी जिंदगी में खुशहाली आई है.
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