पुलिस को मिली बड़ी सफलता, जालंधर बम धमाके में शामिल खालिस्तान समर्थक चरमपंथी गिरफ्तार

काउंटर इंटेलिजेंस व जालंधर पुलिस ने जालंधर बस स्टैंड में हुए दो बम धमाकों के मामले में वांछित खालिस्तान कमांडो फोर्स व खालिस्तान  जिंदाबाद फोर्स से जुड़े चरमपंथी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार चरमपंथी अमरीक सिंह उर्फ़ मंगा पुत्र अछर सिंह मूलरूप से गांव सरीह, जालंधर का रहने वाला है। वह काफी सालों से युगांडा में रह रहा था।

AIG काउंटर इंटेलिजेंस हरकमल प्रीत खख ने बताया कि अमरीक सिंह 2006 के दो मामलों (FIR संख्या 173 और 175) भगोड़ा था। उस पर यह मामला सतनाम सिंह सत्ता के जालंधर बस स्टैंड पर किए दो बम धमाकों के मामले में अमरीक पर दर्ज किए गए थे। धमाके पाकिस्तान में बैठे केजेडएफ प्रमुख रणजीत सिंह नीटा और यूएसए के बलविंदर सिंह पोसी ने करवाए थे।

गिरफ्तार आरोपित ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 1992 से 1995 तक आतंकवाद के समय आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। वह खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख आतंकी गुरदीप सिंह, दीपा हेरा वाला का साथी रहा है। इन आतंकियों ने उसे एक रिवॉल्वर और एक पिस्टल मुहैया करवाया था। इसका इस्तेमाल उसने वर्ष 1995 में की गई एक डकैती में किया था।

वर्ष 1998 में उसने साथियों के साथ मिलकर गुरुनगर मॉडल टाउन जालंधर में हरविंदर सिंह भोला की हत्या कर दी थी। इस मामले में अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कैद के दौरान वह पैरोल पर आया था और बाद में भागकर युगांडा चला गया था। 2003 में उसके भारतीय पासपोर्ट की समय सीमा समाप्त हो गई और उसने युगांडा गणराज्य से अपने पिता का नाम हरमेल सिंह दर्ज करवाकर गलत जन्मतिथि के आधार पर पासपोर्ट बनवाया।

AIG ने कहा कि अमरीक सिंह पाकिस्तान स्थित रंजीत सिंह नीटा और यूएस बेस्ड परमजीत सिंह, बाबा गद्दरी और बलविंदर सिंह पोसी, हैप्पी के साथ निकटता में रहा है, जो आतंकी संगठन केजेडएफ से संबंधित है। वर्ष 2003 में, बलविंदर पोसी और रणजीत नीटा के निर्देश पर उसने सतनाम सिंह, सट्टा लसुरी और निर्मल सिंह को युगांडा आने के लिए प्रायोजन भेजा, उन्हें युगांडा में प्राप्त किया। युगांडा में उसके प्रवास का प्रबंधन किया और बाद में वहां से सतनाम सिंह को बम बनाने और अन्य हथियार चलाने के प्रशिक्षण दिलवाने के लिए पाकिस्तान भेजा।

साल 2012 में अमरीक सिंह को युगांडा पुलिस ने अवैध मानव तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया और वह चार साल तक युगांडा जेल में रहा। इस मामले के कारण युगांडा में भारतीय दूतावास ने उन्हें तीन बार भारतीय वीजा देने से इन्कार कर दिया। जनवरी 2017 में वह नेपाल के रास्ते भारत पहुंचा, वह नेपाल के काठमांडू में 14 दिनों तक रहा और उसके बाद वह ट्रेन द्वारा नेपाल सीमा से दिल्ली पहुंचा और बस से अपने गांव चला गया। अब वह वैध वीजा के बिना भारत में अवैध रूप से रह रहा था। उसे एक विश्वसनीय स्रोत द्वारा दी गई सूचना के बाद गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ पुलिस थाना सदर जालंधर में मामला दर्ज किया गया है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com