जींद में चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए सरकारी टीचर ने गजब का कारनामा कर दिया। जिसके कारण डीसी ने उस पर जांच के आदेश जारी किए हैं। दरअसल, टीचर ने चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए खुद को गर्भवती महिला साबित कर दिया।
जींद के डाहौला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पीजीटी पुरुष शिक्षक ने खुद को गर्भवती महिला दिखा लोकसभा चुनाव ड्यूटी क टवा ली। यह खुलासा तब हुआ जब शिक्षक सतीश कुमार की कहीं भी डयूटी नहीं लगी और सॉफ्टवेयर ने गर्भवती महिला होने पर डाटा नहीं उठाया। डाहौला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ने जिला प्रशासन के पास भेजे गए कर्मचारियों के डाटा में पीजीटी हिंदी के पद पर कार्यरत शिक्षक सतीश कुमार को न केवल महिला कर्मचारी दर्शाया बल्कि उसे गर्भवती होना भी दर्शाया है।
यह मामला जब जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी मोहम्मद इमरान रजा के समक्ष आया तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से जांच कमेटी गठित कर दी। इस मामले को निर्वाचन आयोग और शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के पास भी भेजा जाएगा। डीसी ने वीरवार को इस मामले में सीधे रूप से जुड़े पीजीटी सतीश कुमार, प्राचार्य अनिल कुमार और कंप्यूटर ऑप्रेटर मंजीत को अपने कार्यालय में तलब कर उनसे मामले के बारे में यह पूछा लेकिन तीनों ने इसमें अपनी अनभिज्ञता जाहिर की।
गौरतलब है कि चुनाव को संपन्न करवाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जिनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से लेकर क्लास वन तक के अधिकारी भी शामिल होते हैं। कर्मचारियों के पीठासीन अधिकारी, सहायक पीठासीन अधिकारी के अलावा एसएसटी, एफएसटी, वीडियो सर्विलेंस टीम, वीडियो वीविंग टीम, फ्लाइंग स्क्वेड आदि अनेक टीमों में ड्यूटी होती है। इसी बीच जिला प्रशासन के पास प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा चुनावी ड्यूटी से छुटकारा पाने के लिए सिफारिश पहुंचती हैं लेकिन चुनावी ड्यूटी से छूट जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुरूप केवल किसी विशेष परिस्थिति में ही दी जाती है।
डीसी ने बैठाई जांच कमेटी
डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि कर्मचारी चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए इस तरह का कदम भी उठा सकते हैं। यह अपने आप में एक अनूठा और आश्चर्यजनक मामला है। इस मामले में नगराधीश एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी नमिता कुमारी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बैठाई गई है। जांच कमेटी द्वारा इस पूरे मामले की छानबीन की जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ-साथ इस केस की रिपोर्ट शिक्षा विभाग और निर्वाचन आयोग के पास में ही भेजी जाएगी।
अधिकारी के अनुसार
लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्वक ढंग से करवाने के लिए छोटे कर्मचारी से लेकर अधिकारी की अहम भूमिका होती है। यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए गैर जिम्मेदाराना या गलत रास्ता अपनाते हैं तो वह ड्यूटी में लापरवाही और कोताही मानी जाती है। ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई होती है। -मोहम्मद इमरान रजा, जिला निर्वाचन अधिकारी, जींद।