वॉशिंगटन। गूगल पर अमेरिका के श्रम विभाग का आरोप है कि वह अपनी महिला कर्मचारियों को पुरुष कर्मियों की तुलना में कम सैलरी दी जाती है। श्रम विभाग के मुताबिक, गूगल महिलाओं और पुरुषों को एक जैसी सैलरी नहीं देता है।
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गूगल पर आरोप के बाद कंपनी ने किया बचाव, आरोपों को बताया गलत
श्रम विभाग के एक स्थानीय निदेशक जेनेट विपर के मुताबिक, ‘गूगल के सभी कर्मचारियों को देखा जाए, तो महिलाओं के वेतन में व्यवस्थागत असमानता है।’ विभाग के स्थानीय सॉलिसिटर जेनट हेरोल्ड ने बताया कि श्रम विभाग के पास ठोस सबूत हैं, जो यह साबित करते हैं कि गूगल मुख्यालय में ज्यादातर पदों पर महिलाओं के साथ वेतन संबंधी मामलों में काफी भेदभाव किया जाता है। गूगल ने इन आरोपों को गलत बताते हुए श्रम विभाग की आलोचना की है।
गूगल ने कहा है कि श्रम विभाग को बताना चाहिए कि उसके पास कंपनी से जुड़े डेटा कहां से आए। गूगल ने इन इल्जामों से इनकार करते हुए कहा कि यह पहला मौका है जब उसपर इस तरह का कोई आरोप लगा है। बयान जारी कर गूगल ने कहा, ‘हर साल हम एक विस्तृत समीक्षा करके सभी कर्मचारियों के बीच लैंगिक आधार पर उनके वेतन की तुलना करते हैं। हमारे यहां किसी भी कर्मचारी के वेतन में लैंगिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।’
कंपनी ने अपना बचाव करते हुए एक ट्वीट भी किया। गूगल ने दावा किया है कि पूरी दुनिया में काम कर रहे अपने कर्मचारियों के बीच महिला या पुरुष होने के कारण वेतन को लेकर उसने कोई अंतर नहीं किया है। इससे पहले श्रम विभाग ने इसी साल जनवरी में गूगल पर आरोप लगाया था कि वह अपने कर्मचारियों की तनख्वाह से जुड़ी जानकारियां ऑडिट के लिए मुहैया नहीं कर रहा। इसी बात को लेकर श्रम विभाग ने गूगल पर मुकदमा भी दायर कर दिया था।
गूगल में कुल 70,000 कर्मचारी काम करते हैं, इनमें से लगभग एक तिहाई महिलाएं हैं। कंपनी के टेक संबंधी पदों पर केवल 19 फीसद महिलाएं नियुक्त हैं। अमेरिकी श्रम विभाग सिलिकन वैली में महिला और पुरुष कर्मचारियों के बीच वेतन से जुड़े असमानता के मामलों को लेकर विस्तृत जांच कर रहा है।
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