पुरी के जगन्नाथ मंदिर में 1 जनवरी 2024 से ऐसे श्रद्धालुओं की एंट्री नहीं होगी जो मंदिर में शॉर्ट्स पारदर्शी और भड़कीले कपड़े फटी जींस और अन्य अनुचित वेशभूषा में आएंगे। हालांकि मंदिर प्रशासन ने कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया लेकिन उसने पुरुष श्रद्धालुओं के लिए पैंट शर्ट धोती पहनने का सुझावा दिया है। वहीं महिलाओं के लिए साड़ी सलवार कमीज आदि सभ्य पोशाक पहनने का सुझाव दिया है।
पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर में 1 जनवरी, 2024 से ऐसे श्रद्धालुओं की एंट्री नहीं होगी, जो जगन्नाथ मंदिर में शॉर्ट्स, पारदर्शी और भड़कीले कपड़े, फटी जींस और अन्य अनुचित वेशभूषा में आएंगे। हालांकि मंदिर प्रशासन ने कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया, लेकिन उसने पुरुष श्रद्धालुओं के लिए पैंट, शर्ट, धोती पहनने का सुझावा दिया है। वहीं, महिलाओं के लिए साड़ी, सलवार, कमीज आदि सभ्य पोशाक पहनने का सुझाव दिया है।
पोशाकों को लेकर नहीं जारी की गई सूची
जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से सभ्य पोशाकों की कोई उदाहरणात्मक सूची निर्धारित नहीं की गई है। प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि हम इसे भक्तों के विवेक पर छोड़ते हैं कि वे सभ्य कपड़े पहनकर मंदिर में आएं। जैसे – पुरुष पैंट-शर्ट और धोती पहन सकते हैं। वहीं, महिलाएं साड़ी, सलवार, कमीज आदि पहन सकती हैं। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने कहा कि पूरे भारत और विदेशों में विभिन्न धर्मों के मंदिरों में भक्तों के लिए अपने स्वयं के ड्रेस कोड हैं। एसजेटीए सलाहकार ने कहा कि विद्वान और शोधकर्ता, पुजारी और भगवान जगन्नाथ के भक्त यहां भी ड्रेस कोड लागू करने की मांग कर रहे थे।
ऐसे कपड़े पहनकर आने वाले भक्तों की नहीं होगी एंट्री
दास ने कहा, ‘एसजेटीए की हाल ही में आयोजित नीति (अनुष्ठान) उप-समिति की बैठक में सभी भक्तों से यहां की पवित्रता, परंपराओं और रीति-रिवाजों को ध्यान में रखते हुए उचित और सभ्य पोशाक पहनकर आने का आग्रह करने का प्रस्ताव दिया गया है। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक ने कहा, ‘शॉर्ट्स, पारदर्शी और भड़कीले कपड़े, फटी जींस और अन्य अनुचित वेशभूषा में आने वाले लोगों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि कई आगंतुक और श्रद्धालु मंदिर में आने से पहले होटल और गेस्ट हाउस में रुकते थे। उन्होंने कहा, ‘इसलिए, हम आपसे (होटल एसोसिएशन) आग्रह करते हैं कि आप इस संबंध में आगंतुकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए अपने कर्मचारियों, पर्यटक गाइडों को शिक्षित करें।’ एसजेटीए ने यह भी कहा कि वह साल के अंत तक ड्रेस कोड पर जागरूकता अभियान जारी रखेगा।
उन्होंने भगवान जगन्नाथ के पवित्र मंदिर में बेहतर आध्यात्मिक माहौल विकसित करने के लिए सहयोग की मांग करते हुए कहा, ‘मंदिर प्रशासन नए साल से इसे सुनिश्चित करने के लिए सभी द्वारों पर और अधिक कड़े कदम उठा सकता है।’