पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई है. सोमवार को स्पीकर ने ऐलान किया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है. इसके बाद मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी की विदाई तय हो गई है. गौरतलब है कि विधानसभा में कांग्रेस के पास उसके 9 विधायकों के अलावा 2 डीएमके और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन है.
यानी कांग्रेस के पास 11 विधायकों (स्पीकर को लेकर 12) का समर्थन है, जबकि विधानसभा की वर्तमान स्थिति के मुताबिक उसे बहुमत के लिए 14 विधायकों का समर्थन चाहिए. हालांकि, फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री नारायणसामी दावा करते रहे कि उनके पास निर्वाचित विधायकों में से बहुमत है.
पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी पर तंज कसा है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी पुडुचेरी गए थे और वहां उनकी सरकार गिर गई.
मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी विधानसभा में बहुमत नहीं साबित कर पाएं. स्पीकर ने ऐलान किया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है.
विधानसभा में सीएम नारायणसामी ने कहा कि कांग्रेस सरकार के पास बहुमत है, पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी ने कई कल्याणकारी योजनाओं में अड़चनें पैदा कीं.
समाज कल्याण मंत्री कंधासामी ने कहा कि विपक्ष दलों के कई विधायक हमारे समर्थन में हैं, लेकिन हमने कभी भी उन्हें इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा, हम विधानसभा के अंदर जाना चाहते हैं, हमने जो परेशानी का सामना किया है उसे समझाएंगे और फिर विधानसभा अध्यक्ष को सूचित करेंगे कि हमारे पास चुने हुए विधायकों में बहुमत है. फिर स्पीकर के जवाब के मुताबिक, हम जवाब देंगे.
फ्लोर टेस्ट से पहले निर्दलीय विधायक वी रामचंद्रन ने कहा कि मैं मौजूदा सरकार का समर्थन कर रहा हूं, मैं अपनी राय नहीं बदलना चाहता, मुझे लगता है कि मौजूदा सरकार के पास विधानसभा में बहुमत नहीं है.
मुख्यमंत्री वी.नारायणसामी अपने आवास से विधानसभा के लिए रवाना हुए.
हाथ उठवाकर हुई वोटों की गिनती
उपराज्यपाल के निर्देशानुसार वोटों की गिनती हाथ उठवाकर की गई और विधानसभा की पूरी कार्यवाही की रिकॉर्डिंग हुई. बता दें कि कांग्रेस-डीएमके सरकार ने सदन में बहुमत खो दिया है. सत्ताधारी गठबंधन के छह विधायकों ने विश्वास मत से पहले इस्तीफा दे दिया है, जिसमें रविवार को दो विधायकों ने इस्तीफा दिया.
क्या है विधानसभा का गणित
33 सदस्यीय पुडुचेरी विधानसभा में 30 सदस्य निर्वाचित और 3 सदस्य केंद्र सरकार की ओर से मनोनित होते हैं. 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थीं. एक विधायक को पार्टी द्वारा पिछले साल दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया था. इसके अलावा पांच विधायक अब तक इस्तीफा दे चुके हैं.
डीएमके ने कांग्रेस का समर्थन किया है. उसके तीन विधायक थे, लेकिन रविवार को इनमें से एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया. रविवार देर शाम तक कांग्रेस गठबंधन के पास 11 विधायकों (स्पीकर को छोड़कर) का समर्थन ही था, जिसमें कांग्रेस के 9, डीएमके के 2 और एक निर्दलीय विधायक शामिल है. अगर स्पीकर को जोड़ ले तो आंकड़ा 12 हो जाता है.
छह विधायकों के इस्तीफे और एक अयोग्यता के बाद पुडुचेरी विधानसभा की संख्या 26 है. प्रमुख विपक्षी दल ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस, ने 2016 के चुनावों में 8 सीटें जीती थीं, लेकिन उसका एक विधायक अयोग्य घोषित हो गया था और बाद में इस सीट को डीएमके ने जीत लिया था. यानी अभी AINRC के पास 7 विधायक, AIADMK के पास 4 विधायक हैं.
वहीं, बीजेपी के पास 3 मनोनित विधायक हैं. यानी सरकार के समर्थन में 12 विधायक (स्पीकर को लेकर) हैं, जबकि विपक्ष में 14 विधायक हैं. कांग्रेस का कहना है कि उसके पास निर्वाचित विधायकों में से बहुमत है, यानी 23 में 12 विधायक उसके साथ हैं.