पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और कार्ति की पत्नी को अदालत से राहत मिल गई है। मद्रास उच्च न्यायालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और कार्ति की पत्नी के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को खारिज कर दिया है।
चेन्नई के पास एक संपत्ति की बिक्री के बाद कथित रूप से करीब सात करोड़ रुपये नकद प्राप्ति का खुलासा नहीं करने के मामले में यह कार्यवाही शुरू की गई थी। अदालत ने व्यवस्था दी कि कार्रवाई समयपूर्व की गई है। अदालत ने साफ किया कि अगर संबंधित अधिकारी उचित मूल्यांकन के बाद कार्रवाई की जरूरत समझते हैं, तो कार्यवाही पुन: शुरू की जा सकती है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार शिवगंगा से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कार्ति और उनकी पत्नी श्रीनिधि ने मुत्तूकाडू के पास उनके स्वामित्व वाली एक जमीन की बिक्री के माध्यम से क्रमश: 6.38 करोड़ रुपये और 1.35 करोड़ रुपये नकद प्राप्त किए थे। हालांकि, उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया था और ना ही आयकर जमा किया।
आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कथित रूप से 7.73 करोड़ रुपये की आय का खुलासा नहीं किए जाने पर आपराधिक कार्यवाही शुरू की थी। कार्ति और उनकी पत्नी ने इसे चुनौती देते हुए दलील दी थी कि प्रक्रियात्मक खामियों के कारण मुकदमा रद्द होना चाहिए।
दरअसल, यह मामला एक नकद लेन-देन से जुड़ा हुआ है, जो कार्ति और उनकी पत्नी ने किया था। इसका खुलासा आयकर रिटर्न में नहीं किया गया था। अदालत ने कहा कि दायर आयकर रिटर्न में कोई खोट नहीं था। हालांकि, आयकर विभाग दंपत्ति के खिलाफ आयकर अधिनियम की धारा 153 के तहत आरोप लगा सकता है।
बता दें कि एयरसेल-मैक्सिस केस में पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ भी जांच चल रही है। इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जांच पड़ताल कर रही हैं।