पीरियड्स का दर्द हो सकता है एंडोमेट्रियोसिस का संकेत

पीरियड्स के दौरान क्रैम्प्स आना या दर्द होना सामान्य बात है। यह चिंता का कारण तब बन जाता है, जब यह दर्द असहनीय हो जाए। यह एंडोमेट्रियोसिस जैसी गंभीर समस्या की वजह से हो सकता है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसका वक्त पर पता लगाकर इलाज करना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं क्या है एंडोमेट्रियोसिस और इसके लक्षण।
क्या है एंडोमेट्रियोसिस?
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी हेल्थ कंडिशन है, जिसमें यूट्रस के समान टिशु युट्रस के बाहर फैलोपियन ट्यूब, ओवरी और पेल्विक रीजन में भी हो सकता है। यूट्रस के अंदर की टिशू हर पीरियड साइकिल के साथ टूटती है और आपके शरीर से बाहर निकलती है, लेकिन एंडोमेट्रियोसिस में ऐसा नहीं होता। इसमें यह टिशु उस जगह पर इकट्ठा होते रहते हैं क्योंकि बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होता। यह टिशु आपके हार्मोन सेंसीटिव होते हैं यानी ये टिशुज पीरियड्स के दौरान सूज जाते हैं। इस वजह से पीरियड्स के दौरान भयंकर दर्द का सामना करना पड़ सकता है। हर साइकिल के साथ यह टिशुज भी टूटते हैं, लेकिन शरीर से बाहर नहीं जा पाते और इकट्ठा होते रहते हैं। समय पर इसका इलाज न होने पर यह आगे चलकर इनफर्टिलिटी जैसी गंभीर समस्या का कारण बन सकता है।

क्या होते हैं इसके लक्षण?
पीरियड्स के दौरान सामान्य से अधिक दर्द
पीरियड्स के समय या उसके बाद कमर में दर्द
संभोग के दौरान पीड़ा
पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग होना
शौच के दौरान रक्त आना
इनफर्टिलिटी
कब्ज
थकावट
मतली आना
डायरिया
क्या है इसका इलाज?
एंडोमेट्रियोसिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। इसे रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर एंडोमेट्रियोसिस होने के खतरे से बचा जा सकता है।

हेल्दी खाना खाएं

खराब डाइट के कारण एंडोमेट्रियोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए अपनी डाइट में ताजे फलों और हरी सब्जियों को शामिल करें। ज्यादा फैट वाले खाने से बचें। फैट की मात्रा अधिक होने के कारण एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ता है और इस वजह से एंडोमेट्रियोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।

एक्सरसाइज करें
रोज एक्सरसाइज करना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करने से एंडोमेट्रियोसिस होने का जोखिम भी कम हो जाता है। साथ ही एक्सरसाइज पीरियड्स क्रैम्प्स को भी कम करने में मदद करती है।

एल्कोहल से दूर रहें
शराब पीने से एंडोमेट्रियोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे आपके शरीर के एस्ट्रोजन लेवल में वृद्धि होती है, जो एंडोमेट्रियोसिस का कारण होता है।

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