पाकिस्तान में नई सरकार के गठन की सुगबुगाहट के बीच पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थन से जीते नेशनल असेंबली व प्रांतीय असेंबली के निर्दलीय सदस्य कट्टरपंथी सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल में शामिल हो गए हैं। इससे वे महिलाओं व अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों के कोटे में हिस्सेदारी का दावा कर सकेंगे। पीटीआई समर्थित निर्दलीयों ने बुधवार को इस आशय का हलफनामा चुनाव आयोग को सौंप दिया।
सदस्यों ने चुनाव आयोग को सौंपा हलफनामा
डान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल असेंबली के 89 सदस्यों, खैबर पख्तूनख्वा असेंबली के 85 सदस्यों, पंजाब असेंबली के 106 सदस्यों और सिंध असेंबली के नौ सदस्यों ने अपने हलफनामे जमा किए हैं। हालांकि, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के प्रमुख बैरिस्टर गौहर खान और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार उमर अयूब खान सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (SIC) में शामिल नहीं हुए। इसके अलावा खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री पद के लिए पीटीआई उम्मीदवार अली अमीन गंडापुर ने भी एसआइसी की सदस्यता नहीं ली।
माना जा रहा है कि ये लोग एसआईसी में इसलिए नहीं शामिल हुए जिससे पार्टी के संगठनात्मक चुनावों में ये बड़े पदों के प्रत्याशी बन सकें। पीटीआई ने आगामी तीन मार्च को पार्टी के संगठनात्मक कराने का एलान किया है। यह घटनाक्रम पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने के लिए समझौते पर सहमति के बाद आया है। समझौते के तहत आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति बनेंगे।
वहीं, पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज शुक्रवार को प्रांतीय विधायिका के उद्घाटन सत्र के आह्वान के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं।
चुनाव विवादों का आडिट कराए बिना मदद न दे IMF: इमरान
इमरान खान ने गुरुवार को एलान किया कि वह आइएमएफ को पत्र लिखकर मांग करेंगे कि वह पाकिस्तान सरकार को वित्तीय मदद तब तक बंद रखे जब तक कि वह चुनाव धांधली समेत चुनाव विवादों का आडिट नहीं कराती। वहीं, मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव आयोग द्वारा मतदान में धांधली की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस बीच, पाकिस्तान में छठे दिन भी पाकिस्तान के मीडिया नियामकों ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स को देश भर में कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण रूप से ब्लाक रखा।
बुशरा को सुरक्षा कारणों से अदियाला जेल में नहीं किया जाएगा शिफ्ट
इस्लामाबाद हाई कोर्ट को गुरुवार को अदियाला जेल अथारिटी ने सूचित किया कि पूर्व पीएम इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को सुरक्षा कारणों से नहीं बानी गला उप कारागार से अदियाला जेल में शिफ्ट नहीं किया जाएगा। हाई कोर्ट इस मामले में बुशरा बीबी की याचिका पर सुनवाई कर रही है। उल्लेखनीय है कि तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में जवाबदेही अदालत ने इमरान व बुशरा को 14 साल जेल की सजा सुनाई है।
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