क्वेटा। पाकिस्तान के जुल्मों से परेशान बलूचिस्तान के लिए 15 अगस्त को आवाज उठाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तगड़ा झटका लगा है। यह झटका खुद बलूचिस्तान ने दिया है।
यह हाल तब है जब खुद शीर्ष बलूच नेताओं ने पीएम मोदी से आजादी दिलाने की मांग की है। बलूचिस्तान की कई महिला नेता प्रधानमंत्री को भाई भी बताने लगी हैं।
15 अगस्त के भाषण पर बवाल
पाकिस्तान के डॉन अखबार के मुताबिक बलूचिस्तान विधानसभा में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया।
सर्वसम्मति से पास यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री के 15 अगस्त को दिए उस बयान के खिलाफ था, जिसमें बलूचिस्तान की आजादी की बात कही गई थी।
विधानसभा के पटल पर इस प्रस्ताव को पीएमएल-एन के नेता मोहम्मद खान लहरी ने पेश किया। इसके बाद पख्तूनवा मिली अवामी पार्टी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम समेत सभी दलों ने प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री नवाब सनाउल्लाह जेहरी समेत सभी नेताओं ने प्रस्ताव पर दस्तखत भी किए।
इस प्रस्ताव में कहा गया कि भारतीय प्रधानमंत्री के बलूचिस्तान पर दिए बयान से साफ है कि यहां आतंकवाद की असल वजह भारत है। भारत ही बलूचिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री नवाब सनाउल्लाह जेहरी ने प्रस्ताव पर कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की संप्रभुता के खिलाफ बयान दिया और यूनाइटेड नेशंस चार्टर के नियमों का उल्लंघन किया है।’
सदन ने एकमत से मांग की कि भारत की इस नीति की पोल दुनिया के सामने खोली जाए।
गृहमंत्री सरफराज बग्ती ने कहा, ‘मोदी का यह बयान दुनिया का ध्यान पाक अधिकृत कश्मीर से हटाने के लिए है।’
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal