नई दिल्ली: इस बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान यूएई के सशस्त्र बलों के डेप्युटी सुप्रीम कमांडर और अबूधाबी के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने मंगलवार को भारत पहुंच रहे हैं। इस बात से यही कयास लगाए जा रहे हैं कि कभी पाकिस्तान के करीबी माने जाने वाले यूएई ने भारत के नजदीक आने का संकेत दे दिया है और इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक भागीदारी को निर्णायक रुप दिया जा सकता है।
खबरों की माने तो इस बात से हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। क्योंकि यूएई के किसी समय पाकिस्तान के साथ बहुत ही नजदीकी संबंध थे वहीं यह देश अब पाकिस्तान से मुंह मोड़कर भारत के साथ तमाम पहलुओं पर आगे की भागीदारी करना चाहता है जिससे पाकिस्तान को झटका लगना लाजमी है।
इस दौरान उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी और दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी के तहत रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, स्पेस आदि सभी को मिलाकर लगभग 16 समझोतों को अंतिम रूप दिया जा सकता है। वहीं भारत भी एयर डिफेंस सिस्टम डेवलप करने में यूएई की मदद कर सकता है और समुद्री गश्त के लिए नौकाएं मुहैया करा सकता है।
मुहम्मद बिन जायेद के पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा, जापान के पीएम शिंजो अबे, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद को भी यह सम्मान मिल चुका है। शहजादे शेख पिछले साल फरवरी के बाद मंगलवार को दूसरी बार भारत पहुंचेंगे। बता दें कि भारत में हाल में हुए टेरर अटैक की यूएई ने जमकर निंदा की थी और आतंकवाद परोसने वाले देशों के खिलाफ भारत के सभी कदमों का पुरजोर समर्थन किया है।
गौरतलब है कि यूएई बड़े रक्षा खर्च वाले देशों में से एक है और पीएम मोदी के मेक इन इंडिया मिशन के तहत भारत जिन रक्षा उपकरणों का निर्माण कर रहा है, यूएई उसके लिए बड़ा बाजार साबित हो सकता है। भारत रणनीतिक नजरिये से अहम कच्चे तेल का भंडार भी बना रहा है जिस पर दोनों देश एक बड़ी डील होना संभावित है। यूएई में लगभग 26 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं। इस लिहाज से भी दोनों देशों के बीच होने वाली कोई भी डील बहुत महत्व रखती है।