पीएम मोदी के चार ‘अमृत स्तंभों’ में फिट बैठती हैं रेखा गुप्ता

रेखा को चुनकर भाजपा ने कई राजनीतिक संदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प नारी, युवा, किसान और गरीब के चार ‘अमृत स्तंभों’ के खांचे में रेखा गुप्ता फिट बैठती हैं।

शालीमार बाग विधानसभा सीट जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचने वालीं रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री होंगी। रेखा को चुनकर भाजपा ने कई राजनीतिक संदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प नारी, युवा, किसान और गरीब के चार ‘अमृत स्तंभों’ के खांचे में रेखा गुप्ता फिट बैठती हैं। महिला होने के साथ ही वे तेजतर्रार युवा नेता भी हैं। छात्र जीवन से सक्रिय राजनीति में दखल उन्हें सियासी तौर पर मजबूत बनाता है।

भाजपा ने सधे हुए राजनीतिज्ञ की तरह रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर वैश्य और हरियाणा कार्ड भी खेला है। वहीं, दिल्ली विधानसभा में आप की आतिशी नेता प्रतिपक्ष बनती हैं तो उनके महिला कार्ड का जवाब भाजपा का महिला कार्ड से ही दिया जाएगा। रेखा दिल्ली की चौथी और वर्तमान में देश की दूसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। दिल्ली में अभी तक महिला मुख्यमंत्री के पद पर सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी रह चुकी हैं। इसी तरह पूरे देश में वर्तमान में ममता बनर्जी एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं। अब तक के सीएम पद के मुख्य दावेदार नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा ने ही रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव विधायक दल की बैठक में पेश किया। इसके बाद सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल की नेता चुनी गईं।

इन वजहों से मिला दिल्ली का ताज—————- रेखा बनाम आतिशी
भाजपा भले ही प्रचंड बहुमत से दिल्ली विधानसभा में पहुंची है, लेकिन विपक्ष भी कमजोर नहीं है। आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी के 22 विधायक सदन में होंगे। कयास लगाया जा रहा है कि आतिशी को नेता विपक्ष के रूप में आप पेश करेगी। ऐसे में सत्ता पक्ष की महिला मुख्यमंत्री ही विपक्ष को करारा जवाब देने में सक्षम होंगी। सदन में तू-तू, मैं-मैं की स्थिति में सत्ता पक्ष अपने सदन के नेता को विपक्ष के सामने चुनौती दिलवाने में कामयाब रहेंगे।

हरियाणा और वैश्य समुदाय को साधा
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद को दिल्ली का बेटा जरूर कहते हैं। उनका पैतृक निवास हरियाणा में ही है। रेखा का मूल निवास भी हरियाणा ही है। इतना ही नहीं केजरीवाल वैश्य समाज से आते हैं। इसी तरह रेखा गुप्ता भी वैश्य समाज से ही आती हैं। दिल्ली में इस समाज का वोट बैंक भी अधिक है। इस तरह से रेखा गुप्ता भाजपा के इस खांचे में भी ठीक बैठती हैं। इस तरह से भाजपा ने वैश्य समाज को भी साधा है। वैश्य समाज को भाजपा का कट्टर समर्थक माना जाता रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी करीबी
रेखा का संघ परिवार से तीस साल पुराना नाता है। वे छात्र राजनीति से ही सक्रिय रही हैं। भाजपा के छात्र संगठन में भी लंबे समय तक काम कर चुकी हैं। 1996-97 में दिल्ली छात्र संघ में काफी सक्रिय रही हैं। छात्र संघ से सियासी सफर शुरू करके निगम में सक्रिय दखल रखने वाली रेखा गुप्ता को दिल्ली की नब्ज पता है। वे दिल्ली की मौजूदा सियासत में फिट बैठती हैं।

महिला और युवाओं में पैठ
रेखा को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर भाजपा ने दिल्ली की महिलाओं और युवाओं में भी पैठ बनाने की कोशिश की है। भाजपा अपने चुनावी राज्यों में आधी आबादी को साधने के लिए महिला सम्मान योजना संकल्प पत्र में रखती है। दिल्ली वालों से भी वादा किया है कि पहली कैबिनेट बैठक में महिला सम्मान योजना के तहत 2500 रुपये देने का फैसला लिया जाएगा। इसी तरह छात्र राजनीति से दिल्ली की मुख्यमंत्री तक का सफर करने वाली रेखा के माध्यम से भाजपा युवा वर्ग को भी साधने का प्रयास करेगी।

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